रेलवे: जनरल कोच में सफर करना होगा आसान, ट्रेनों में 2 की जगह 4 कोच लगाने की तैयारी
- अमृत भारत ट्रेन के लिए एसी-नॉन एसी कोच बनेंगे
- आम जनता को राहत मिलेगी
डिजिटल डेस्क, नागपुर. लगातार सोशल मीडिया पर देखा गया है कि, सामान्य श्रेणी में सफर करने वाले यात्रियों की हालत खराब हो रही है। जगह नहीं मिलने से ठसा-ठस भीड़ भरी ट्रेनों में यात्रियों को सफर करना पड़ रहा है। ऐसे में अब रेलवे बोर्ड ने सालभर में ढाई हजार सामान्य श्रेणी के कोच बनाने का निर्णय लिया है, जिससे आने वाले समय में ट्रेनों में जनरल कोच की संख्या बढ़ाई जाने वाली है। इस निर्णय का असर नागपुर मंडल की ट्रेनों पर भी पड़ेगा। वर्तमान में जिन गाड़ियों में 2 जनरल कोच हैं, उसमें चार, जिसमें एक भी नहीं, उसमें 2 कोच लगाने की तैयारी रेलवे करने वाली है।
आम जनता को राहत मिलेगी
इस फैसले से आम जनता को राहत मिलेगी। इससे सामान्य बोगियों में सालाना अतिरिक्त 18 करोड़ से अधिक यात्री सफर कर सकेंगे। रेलवे बोर्ड ने 2500 सामान्य श्रेणी के अतिरिक्त कोच उत्पादन करने का फैसला लिया है। यह उत्पादन प्रतिवर्ष कोच उत्पादन प्रोग्राम के अतिरिक्त होंगे। योजना के मुताबिक कोच में सामान्य श्रेणी के कोच की संख्या बढ़ेगी। रेलवे ने पिछले एक दशक में कोच उत्पादन क्षमता में तेजी से वृद्धि की है। वित्तीय वर्ष में 2014-15 में 555 एलएचबी (कुल 3045 कोच) कोच का उत्पादन किया था, जबकि 2023-24 में 7,151 कोच का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है। इसी प्रकार चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में 8692 कोच का उत्पादन किया जाएगा।
अमृत भारत ट्रेन के लिए एसी-नॉन एसी कोच बनेंगे
50 अमृत भारत ट्रेन (पुल-पुश तकनीक) के लिए एसी-नॉन एसी कोच बनेंगे। वंदे भारत ट्रेन के लिए 1600 कोच का उत्पादन किया जाएगा। इस प्रकार दो कोच के हिसाब से 1250 मेल और एक्सप्रेस ट्रेन में 2500 कोच को लगाए जाएंगे। कोच की डिजाइन 150 से 200 यात्री क्षमता की होगी। इससे प्रतिदिन 2500 कोच में पांच लाख अतिरिक्त आम यात्री सफर कर सकेंगे। यानी मेल-एक्सप्रेस ट्रेन की इन सामान्य कोच में अतिरिक्त 18 करोड़ 25 लाख से अधिक यात्री ले जाने की सालाना क्षमता हो जाएगी। यह सभी कोच चालू वित्तीय वर्ष में बनकर तैयार हो जाएंगे। 1377 स्लीपर श्रेणी के कोच भी बनेंगे।