नागपुर: सुपर स्पेशलिटी को मिली कैथ लैब मशीन, हृदय रोग विभाग के पास होगी इंस्टॉल
- सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का हृदयरोग विभाग
- मशीन बार-बार बंद होती थी
- दो दिन पहले ही सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में नई कैथलैब मशीन आ गई
डिजिटल डेस्क, नागपुर. मेडिकल से जुड़े सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के हृदयरोग विभाग की कैथ लैब मशीन को 12 साल होने से यह मशीन बार-बार बंद होती थी। विभाग ने 4 साल पहले सरकार को नई कैथलैब मशीन का प्रस्ताव भेजा था। इसे प्रशासकीय मान्यता मिली थी। लेकिन खरीदी प्रक्रिया नहीं होने से यह विषय न्यायालय के समक्ष उठाया गया। अंतत: दो दिन पहले ही सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में नई कैथलैब मशीन आ गई है।
विप्रो जीई हेल्थ केयर प्रा. लि. की तरफ से 14 अगस्त 2012 को विप्रो जीई कैथलैब मशीन लगाई गई थी। सुपर में हर रोज औसत 15 एंजियोग्राफी व 5 एंजियोप्लास्टी होती हैं। एक ही मशीन पर भार होने से मशीन अक्सर बंद हाे जाती थी। 2021 में 22 दिन मशीन बंद थी। उस समय नई मशीन का प्रस्ताव भेजा गया था। प्रस्ताव को मंजूरी मिली लेकिन खरीदी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी। विदर्भ में सरकारी अस्पतालों की उपेक्षा व विकास को लेकर दायर जनहित याचिका में कैथलैब खरीदी का विषय शामिल होने से न्यायालय ने इसे लेकर निर्देश दिए थे।
न्यायालय द्वारा 29 अगस्त तक कैथलैब स्थापित करने की सूचना दी गई थी। दो दिन पहले ही यहां 6.86 करोड़ रुपए की इनोवेशन इमेजिंग टेक्नालॉजी प्रा. लि. कंपनी से मशीन आ चुकी है। सुपर स्पेशलिटी में हृदय रोग विभाग पहले माले पर है। पुरानी कैथलैब मशीन तल माले पर है। इसलिए नई मशीन पहले माले पर स्थापित की जानेवाली है।