Nagpur News: सरकार का इंतजार- चुनाव सहित अनेक योजनाएं अधर में लटकीं हैं, शीतसत्र की तैयारी

  • एक सप्ताह के अधिवेशन की संभावना
  • मंत्रिमंडल गठन का मुहूर्त भी निकलेगा
  • मुंबई में डटे जिले के विधायक

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-29 07:17 GMT

Nagpur News : विधानसभा का शीतकालीन अविधेशन नागपुर में होगा। अभी तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन माना जा रहा है कि यह अधिवेशन दिसंबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में होगा। अधिवेशन दो सप्ताह का होगा या एक सप्ताह का, इस विषय को लेकर भी अनिश्चितता बनी है। फिलहाल यह माना जा रहा है कि सरकार इस अधिवेशन में कुछ योजनाओं के संबंध में निर्णय ले सकती है। चुनाव के समय किए गए घोषणाओं के संबंध में डेडलाइन दी जा सकती है। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण विषय मनपा चुनाव का है। चुनाव को लेकर सरकार कुछ संकेत दे सकती है।

मंत्रिमंडल गठन का मुहूर्त भी निकलेगा

फिलहाल राज्य में सरकार गठन की प्रक्रिया चल रही है। नए मुख्यमंत्री के शपथ-ग्रहण के बाद मंत्रिमंडल गठन का भी मुहुर्त निकलेगा। विधायक व मंत्री की शपथ के लिए मुंबई में विशेष अधिवेशन होगा। उसके बाद शीतकालीन अधिवेशन तय होगा। अधिवेशन की तैयारी के प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि दिसंबर के पहले सप्ताह में तैयारी पूरी कर ली जाए। लिहाजा माना जा रहा है कि 9 दिसंबर के बाद अधिवेशन होगा।

एक सप्ताह के अधिवेशन की संभावना

दिसंबर में माह का अंत उत्सव भरा रहता है। क्रिसमस उत्सव के अलावा नववर्ष का स्वागत उत्सव मनाया जाता है। मुंबई व गोवा में उत्सव की अधिक धूम रहती है। ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि 20-22 तारीख तक अधिवेशन पूरा कर लिया जाएगा। वैसे भी विपक्ष के पास विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए पर्याप्त संख्याबल नहीं है। एेसे में एक सप्ताह में ही अधिवेशन समाप्त किया जा सकता है।

बहुमत के मामले में सत्त्तापक्ष काफी दमदार है। लिहाजा वह विपक्ष पर हावी रहेगा। चुनाव के समय विपक्ष के भाषणों में हमलों को सत्तापक्ष सदन में विपक्ष की किरकिरी का विषय बनाने का प्रयास करेगा। विधानमंडल के दोनों सदन में शिवसेना उद्धव व राकांपा शरद गुट को आड़े हाथ लिया जाएगा। लाभ और सम्मान की योजनाओं का जिक्र करते हुए सत्तापक्ष स्वयं ही कुछ नई घोषणाएं कर सकता है। विपक्ष के पास नेता प्रतिपक्ष पद के लिए संख्याबल नहीं होने का मामला भी कामकाज में राजनीतिक बहस का माध्यम बन सकता है।

विधानसभा में विपक्ष पूरी तरह से बदला हुआ नजर आएगा। कांग्रेस के कई बड़े नेता पराजित हुए हैं। फिर भी विपक्ष तेवर दिखाएगा। सोयाबीन के भाव, लाडली बहन योजना में 2100 रुपये प्रतिमाह का मुद्दा तो रहेगा ही, इवीएम के बजाय बैलेट से मतदान कराने का अभियान कांग्रेस चर्चा में लाएगी। इनके अलावा किसान आत्महत्या, कर्जमाफी, मुफ्त बिजली के विषय पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा। स्थानीय निकास संस्था के चुनावों को त्वरित कराने में विपक्ष उत्सुकता नहीं दिखाएगी।

मुंबई में डटे जिले के विधायक

मतगणना के बाद से जिले के भाजपा विधायक मुंबई में डटे हुए हैं। रामटेक से शिवसेना शिंदे के विधायक आशीष जैस्वाल ने भी मुंबई में डेरा डाल रखा है। लगभग सभी विधायकों के बारे में सुना जा रहा है कि वे मंत्री पद के लिए प्रयास कर रहे हैं। इन विधायकों के लिए पार्टी हाईकमान देवेंद्र फडणवीस या एकनाथ शिंदे हैं। लिहाजा, फडणवीस से विविध माध्यमों से जुड़े रहने का प्रयास कर रहे हैं। इन विधायकों के साथ उनके समर्थकों की 6 से 10 प्रमुख कार्यकर्ताओं की टीम भी है।

  • पहली बार विधायक चुने गए काटोल के चरणसिंह ठाकुर भी अपना नाम आगे बढ़ा रहे हैं। ठाकुर बतौर नगराध्यक्ष स्वयं को प्रशासनिक मामलों के जानकार बता रहे हैं। पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के क्षेत्र में जीत को बड़ी जीत दर्शा रहे हैं।
  • सावनेर से जीते आशीष देशमुख सागर बंगले पर फडणवीस से भेंट कर चुके हैं। देशमुख की पहचान में ओबीसी नेता की पहचान को जोड़ा जा रहा है।
  • रामटेक के विधायक आशीष जैस्वाल वरिष्ठता के आधार पर अपना नाम आगे बढ़ा रहे हैं। एकनाथ शिंदे व देवेंद्र फडणवीस से करीबी संबंध का लाभ लेने के प्रयास में हैं। जैस्वाल कहते रहे हैं कि उनके समर्थक उन्हें मंत्री पद पर देखना चाहते हैं।
  • मंत्री रह चुके चंद्रशेखर बावनकुले फिलहाल पार्टी हाईकमान से सीधे जुड़े हुए हैं।
  • हिंगना के विधायक समीर मेघे के समर्थन में वर्धा के कुछ जनप्रतिनिधि भी मुंबई पहुंचे हैं।
  • विदर्भ में सर्वाधिक मतों के अंतर से जीत का रिकार्ड बनाने वाले पूर्व नागपुर के विधायक कृष्णा खाेपड़े ने एक दिन पहले ही देवेंद्र फडणवीस व अजित पवार से भेंट की कर ली है। खोपडे के साथ वे कार्यकर्ता भी हैं जिन्हें कुछ समय पहल तक पूर्व नागपुर में भाजपा में असंतुष्ट माना जा रहा था।
  • मध्य नागपुर से जीते प्रवीण दटके व दक्षिण नागपुर से जीते मोहन मते स्वभाव के मुताबिक सत्ता व पद के मामले में कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन उनके समर्थक फोन पर कार्यकर्ताओं से कह रहे है कि फडणवीस से करीबी संबंध का लाभ भाऊ को मिलेगा। 
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