नागपुर: आंधी-तूफान ने उखाड़ा टैफिक सिग्नल, व्यवस्था लड़खड़ाई, ट्रैफिक पुलिस तैनाती की मांग

  • शीघ्र दुरुस्त कर, चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस तैनात करने की मांग
  • आए दिन दुर्घटना होने की आशंका

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-29 13:38 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर | मौसम के बदले मिजाज ने आंधी-तूफान के साथ तबाही मचा रखी है। तूफान ने पिछले दिनों गोरेवाड़ा रिंग रोड पर एक चौराहे के सिग्नल को अपना शिकार बनाया। तूफान से वह धराशायी हो गया। फिलहाल स्थिति जस की तस है। यातायात व्यवस्था लड़खड़ा रही है। सिग्नल बंद होने से आए दिन दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। गोरेवाड़ा रिंग रोड व्यस्ततम मार्ग है। इस मार्ग पर दिन-रात में यातायात का दबाव बना रहता है। पांडे लॉन के समीप इस चौराहे को दुर्घटना स्थल के नाम से भी जाना जाता है। ट्रैफिक सिग्नल नहीं रहने से हादसों का खतरा बढ़ गया है। इस चौराहे पर यातायात पुलिस तैनाती नहीं होने से वाहन चालक धड़ल्ले से नियमों का उल्लंघन करते हैं। जमाअत-ए-इस्लामी हिंद नागपुर के मीडिया सेक्रेटरी डॉ. एम.ए. रशीद ने परिवहन विभाग के अधिकारियों से ट्रैफिक सिग्नल को शीघ्र ही दुरुस्त कर चौराहे पर यातायात पुलिस तैनाती करने की मांग की है। 

दीक्षाभूमि पर 27 मई तक रमाई आंबेडकर का पुतला लगाएं

दीक्षाभूमि पर लंबे समय से स्त्रीभूषण माता रमाई की प्रतिमा लगाने की मांग की जा रही है। इसके अनुसार 6 फरवरी 2023 को रमाई आंबेडकर की 125वीं जयंती निमित्त रमाई आंबेडकर का अर्धकृति पुतला दीक्षाभूमि के स्तूप में लगाया गया था। दीक्षाभूमि स्मारक समिति के अध्यक्ष भदंत आर्य नागार्जुन सुरेई ससाई के हाथों इसका लोकार्पण भी किया गया था। किंतु पुतला रमाई जैसा नहीं दिखने के कारण इसे व्यवस्थित रूप से बनाने के लिए प्रतिमा को फिर से मूर्तिकारों को दी गई है, किंतु अब तक रमाई का नई प्रतिमा उस जगह नहीं लगाई गई, जिसके कारण आंबेडकरी अनुयायियों में रोष और नाराजगी है। स्त्रीभूषण रमाई आंबेडकर संस्था के अध्यक्ष राजकुमार वंजारी ने कहा कि 27 मई को माता रमाई आंबेडकर का स्मृति दिवस है। निवेदन है कि तब तक माता रमाई का पुतला उस जगह लगाया जाए। उन्होंने कहा कि दीक्षाभूमि पर पहले से 3 बुद्ध प्रतिमाएं हंै। जानकारी मिली कि चौथी बुद्ध प्रतिमा दीक्षाभूमि परिसर में लगाई जाने वाली हैं। संस्था ने कहा कि इसे हमारा विरोध नहीं है, लेकिन यहां जगह अपर्याप्त है। इसलिए स्मारक समिति इस पर पुनर्विचार करें। कृषि विद्यापीठ की जगह मिले स्त्रीभूषण रमाई आंबेडकर संस्था के अध्यक्ष वंजारी ने कहा कि बौद्ध धम्म दीक्षा के बाद दीक्षाभूमि को वैश्विक स्तर का ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व प्राप्त हो गया है, जिसके कारण धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस पर हर साल लाखों बौद्ध व आंबेडकर अनुयायी दीक्षाभूमि पर आते हैं। दीक्षाभूमि की यह जगह अब कम पड़ने लगी है। इसके लिए दीक्षाभूमि से लगी कृषि विद्यापीठ की जगह दीक्षाभूमि स्मारक समिति को उपयोग के लिए देने की मांग संस्था ने सरकार से की है। इस संबंध में सरकार से अनेक पत्र-व्यवहार भी किए गए। किंतु आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। संस्था ने सरकार ने कृषि विद्यापीठ की जगह स्थायी रूप से देने की मांग की है।

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