नागपुर: मनुस्मृति के खिलाफ पोस्टकार्ड आंदोलन, नए शैक्षणिक सत्र से श्लोक हटाने की मांग

  • शिक्षा मंत्री को 1 हजार से ज्यादा कार्ड भेजे
  • फैसला पूरी तरह संविधान विरोधी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-03 14:34 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. नए शैक्षणिक सत्र में मनुस्मृति से लिया गया श्लोक हटाने की मांग करते हुए इसके खिलाफ में शहर के छात्र और जागरूक नागरिकों ने पोस्ट कार्ड आंदोलन चलाया था। इस आंदोलन में छात्रों ने उत्स्फूर्त रूप से भाग लेते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री को 1 हजार से अधिक पोस्टकार्ड भेजे। राज्य पाठ्यक्रम प्रारूप में मनुस्मृति ग्रंथ के संदर्भों के उपयोग के कारण विवाद में आ गया है। राज्य पाठ्यक्रम प्रारूप के "मूल्य शिक्षा और स्वभाव' अध्याय, जो स्कूली बच्चों के चरित्र निर्माण पर केंद्रित है, मनुस्मृति से लिए गए बड़ों का सम्मान करने पर संस्कृत श्लोक से शुरू होता है।

फैसला पूरी तरह संविधान विरोधी

हालांकि, इस विकल्प ने प्रारूप में मनुस्मृति को संदर्भित करने के पीछे के इरादे के बारे में बहस छेड़ दी है। राज्य में कई शिक्षाविदों ने मनुस्मृति के संदर्भ के निर्णय पर सवाल उठाए हैं। इसीके चलते नागपुर शहर में सामाजिक कार्यकर्ता अनिकेत कुत्तरमारे, आशीष फुलझेले, अक्षय खोब्रागडे के नेतृत्व में पोस्टकार्ड आंदोलन शुरू किया गया। आंदोलनकारीयों का कहना है कि, शिक्षा विभाग द्वारा नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा 3 से कक्षा 12वीं तक मनुस्मृति का श्लोक अनिवार्य किया गया है। शिक्षा विभाग का यह फैसला पूरी तरह से संविधान विरोधी और संविधान में दिए गए धर्मनिरपेक्ष शब्द पर एक तरह से आघात है। इसलिए इसका विरोध करते हुए आंदोलनकारियों ने सोशल मीडिया द्वारा पूरे राज्य के छात्र और जागरुक नागरिकों को अपील करते हुए शिक्षा मंत्री को पोस्टकार्ड भेजने की अपील की थी। 

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