नागपुर: बाढ़ के हालात में बचाव के लिए हिरणों के लिए बनाए टीले और चबूतरे, अलर्ट मोड पर महाराजबाग प्रशासन

  • पिछले साल हुई थी 18 हिरणों की मौत
  • बारिश ने बरपाया था कहर
  • इस बार बनाए टीले और चबूतरे

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-22 12:44 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. शनिवार की तेज बारिश के बाद महाराजबाग प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। खासकर नाले के पास रखे हिरणों को बाढ़ से बचाने के लिए छोटे-छोटे टीले व चबूतरें बनाए गए हैं। ताकि परिसर में पानी भर जाने पर वह आसानी से इन पर चढ़कर खुद को बचा सके। बहुत ज्यादा बाढ़ आने पर प्रशासन ने प्लान बी भी तैयार कर रखा है। यह सब इसलिए किया गया है, क्योंकि गत वर्ष इसी तरह बारिश में नाले में आई बाढ़ के कारण 18 काले हिरणों की मौत हो गई थी।

शहर का महाराजबाग वन्यजीव प्रेमियों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। यहां बाघ से लेकर तेंदुए आदि वन्यजीवों को रखा गया है। सबके लिए स्वतंत्र पिंजरे हैं। इसमें हिरण भी है। इनके बाडे नाले के पास होने से बाकि दिनों में कोई परेशानी नहीं होती है, लेकिन मूसलाधार बारिश के दौरान दिक्कतें बढ़ जाती है। परिसर में पानी जम जाता है। हिरणों के बाड़े नाले के पास ही रहने से यहां तो बहुंत ज्यादा पानी जम जाता है। जिसमें हिरण डूब भी सकते हैं। गत वर्ष इसी तरह नाले में बाढ़ आ गई थी। जिससे बाड़े में इतना पानी भर गया था कि यहां रखे हिरणों को इससे बचने का मौका ही नहीं मिला था। जिससे पानी में डूबने से 18 से 20 काले हिरणों की मौत हो गई थी।

गत वर्ष का सबक लेते हुए इस बार प्रशासन इन्हें लेकर सचेत है। इस शनिवार को मूसलाधार बारिश आने के बाद परिसर में फिर पानी जम गया था। लेकिन पानी बढ़ने से पहले हिरणों को दूसरी जगह शिफ्ट किया था। शिफ्ट करने के दौरान बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा था। अब मौसम विभाग की ओर से लगातार बारिश की चेतावनी दी जा रही है। जिससे प्रशासन और भी ज्यादा अलर्ट हो गया है। उन्होंने सामान्य हिरणों के लिए छोटे–छोटे टीलों की व्यवस्था की है। जहां पानी भरने पर वह आसानी से इसके उपर जाकर खुद को सुरक्षित रख सके। वही 14 काले हिरणों के लिए चबूतरे तैयार किए गए हैं। ऐसे में बहुत ज्यादा पानी भर जाने से हिरण इस पर जाकर खुद को सुरक्षित रख पाएंगे।

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