डॉक्टर उदय बोधनकर की इन बातों का रखें ध्यान, बच्चों को छू भी नहीं सकेगी गर्मी में होने वाली बीमारियां
- डॉक्टर उदय बोधनकर ने सावधानी बरतने की सलाह दी
- बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए ज्यादा देखभाल की जरूरत
- बासी खाना न खाएं
- नारियल पानी, छाछ, फलों का जूस लाभदायक
डिजिटल डेस्क, नागपुर। गर्मियों का मौसम सेहत पर प्रभाव डालता है। इस मौसम में बच्चे काफी प्रभावित होते हैं। जब आपका बच्चा परेशान हो रहा हो या असहज महसूस करता हो, तो उसके साथ-साथ पेरेंट्स भी परेशान होते हैं, इसे लेकर बच्चों के जाने माने डॉक्टर उदय बोधनकर ने सावधानी बरतने की सलाह दी है। चिंता न करें, बस आपको उसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है, क्योंकि गर्मी से बच्चों को डिहाइड्रेशन, फूड पॉइजनिंग और पसीना आने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बच्चों को हीट स्ट्रोक, स्किन प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।
यदि शिशु को घर से बाहर अत्यधिक तापमान में ले जाया गया, तो बीमार पड़ सकता है। डायरिया या उल्टी की वजह से शरीर में पानी की कमी होती है, जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है। छोटे बच्चों को अक्सर डिहाइड्रेशन बहुत जल्दी होता। इसके कई लक्षण हैं।
शरीर में पानी की कमी होती है। पसीने, पेशाब, लूज मोशन के माध्यम से शरीर का पानी कम होता है। जिसमें तरल पदार्थ और नमक की आवश्यकता होती है, जो कमी डाइट और तरल पदार्थों से पूरी की जा सकती है, इससे आवश्यकता के अनुसार हाइड्रेट रहने में मदद मिलती हैं। यदि शिशु बीमार है और उसे पानी या दूध पीने में कठिनाई हो रही है, तो भी शरीर में तरल पदार्थों की कमी हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप शिशु को डिहाइड्रेशन होता है।
सावधानी बरतें
गर्मी के दिनों में बच्चों के सीधे संपर्क में नहीं आएं
सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे के बीच जरूरी काम न हो, तो घर से बाहर न निकलें।
समय पर बच्चों को खाना खिलाएं और डाइट में पौष्टिक चीजों को शामिल करें।
धूप में बच्चों को टोपी पहनाएं, छाता लेकर निकले।
चक्कर, सिर दर्द, उल्टी होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
बच्चों को हीटस्ट्रोक से दूर रखने के लिए दोपहर के समय धूप में न जाने दें।
बोतलबंद फलों का जूस देने से बचें।
डॉक्टर की सलाह के अनुसार अपने बच्चे को इम्युनिटी बूस्टर दें।
खाने में सलाद और कच्चा प्याज जरूर शामिल करें।
डाइट में लस्सी, शर्बत, पुदीने की चटनी और शरबत शामिल करें।
सूती कपड़े का इस्तेमाल करें, जिससे स्किन डिजीज से बचा जा सकता है।
लिक्विड में नारियल पानी, छाछ, फलों का जूस, मिल्क शेक जैसे पेय पदार्थ भी ले सकते हैं। साथ ही खीरे को भी डाइट में शामिल करें। इससे शरीर में पानी का स्तर कम नहीं होगा। शरीर का लगभग 70 प्रतिशत भाग तरल पदार्थों से बना होता है। बच्चों को रोजाना 4 गिलास पानी पीने की जरूरत होती है। इससे त्वचा पर गर्मी का कम असर पड़ता है। फलों का नियमित सेवन करते रहें, जो पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और त्वचा के लिए फायदेमंद हैं। अगर बच्चा नियमित रूप से फल खाता है, तो उसकी त्वचा में नमी बनी रहेगी। गर्मियों में बच्चों को हेल्दी खाना खिलाना जरूरी है।
बासी खाना न खाएं
बासी खाना ना खाएं
ज्यादा तला भुना और मसालेदार खाना खाने से बचें।
बासी खाना खाकर फूड पॉइजन के शिकार हो सकते हैं।
बच्चे को दिन में दो बार नहलाने से उसके शरीर की गर्मी का प्रभाव कम होगा
तैरना बच्चे को हाइड्रेटेड रखने का बढ़िया विकल्प है।
गर्म पानी से नहाने से बचें, बहुत गर्म पानी से न नहलाएं।
एलर्जी से बचने के लिए बच्चे को साफ कपड़े पहनाएं।