पुणे: चप्पल फेंकने की घटना के बाद गोपीचंद पडलकर ने धनगर समुदाय से शांति रखने की अपील की

  • संयम की भूमिका अपनाने को कहा
  • धनगर समुदाय से शांति रखने की अपील
  • गोपीचंद पडलकर की अपील

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-10 14:33 GMT

डिजिटल डेस्क, पुणे। जिले के इंदापुर तालुका में शनिवार को ओबीसी यलगार परिषद के बाद भाजपा विधान परिषद में भाजपा के विधायक गोपीचंद पडलकर पर चप्पल फेंकने की कोशिश की गई. वे इंदापुर में चल रहे दूध मूल्य आंदोलन स्थल पर प्रदर्शनकारियों से मिलने जा रहे थे. इसी क्षेत्र में मराठा आरक्षण के लिए क्रमिक भूख हड़ताल भी शुरू है.जैसे ही पडलकर इस इलाके में आए, मराठा प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए और उन पर चप्पल फेंकी. इन सबके बाद गोपीचंद पडलकर ने अपना पक्ष रखते हुए आक्रामक अंदाज में चप्पल फेंकने वालों को आड़े हाथों लिया है. पडलकर एक्स सोह्सल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिये ने कहा है कि अगर मैंने कल संयम का समझदारी भरा रुख नहीं अपनाया होता तो इन भेड़ों के शरीर पर कपड़े ही नहीं बचे होते. इसके साथ ही उन्होंने धनगर समुदाय से शांति बनाये रखने की अपील की है.

इंदापुर की घटना के बारे में गोपीचंद पडलकर ने कहा, ''ओबीसी यलगार परिषद् में ओबीसी समुदाय अपने अधिकारों के आरक्षण को लेकर बहुत ही धैर्य और शांति से अपना पक्ष रख रहा है. कल इंदापुर की बैठक के बाद जब मैं किसानों के दूध दरवृद्धि के लिए चल रहे आंदोलन में जा रहा था, तब यह साड़ी नौटंकी हुई. घटना के बाद इन भांडों ने मीडिया में इंटरव्यू दिया और कहा कि यह घटना मेरे ही कार्यकर्ताओं ने की है. मुझे उनके लिए बहुत दुख हो रहा है. मूलतः हमने हमेशा अपना भूमिका स्पष्ट की है कि समाज के गरीब मराठा को आरक्षण मिलना चाहिए. मगर मराठा आंदोलन में घुसपैठ करनेवालोए समाजकंटक कभी-कभी किसी को फोन कर धमकी देते हैं, कभी किसी को गालियां देते हैं, कभी किसी का घर फूँकते है. इससे यह स्पष्ट है कि इन समाजकंटकों का इरादा आरक्षण प्राप्त करना नहीं बल्कि समाज में अशांति फैलाना है, यह आरोप भी विधायक पडलकर ने लगाया.

जूता फेंकने की घटना पर टिप्पणी करते हुए गोपीचंद पडलकर ने धनगर समुदाय से अहम अपील की है. उन्होंने कहा, हम सभी जानते हैं कि मराठा आंदोलन के पीछे का मास्टरमाइंड कौन है. क्योंकि वह अपने ही मराठा समुदाय के आरक्षण का असली दुश्मन है. अगर मैंने कल संयम का समझदार रुख नहीं अपनाया होता, तो इन डरपोकों के शरीर पर कपड़े नहीं बचे होते, लेकिन आज मैं अपने ओबीसी भाइयों से अपील करता हूं. हमें इस घटना का विरोध हिंसा के माध्यम से नहीं करना चाहिए. राज्य में शांति बनाए रखनी चाहिए. क्योंकि हम 11 तारीख को नागपुर में शीतकालीन सत्र में डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर द्वारा दिए गए धनगर आरक्षण को लागू करने के लिए चेतावनी मोर्चा निकालने जा रहे हैं. इसके लिए हमें लाखों की संख्या में उपस्थित रहना चाहिए और शांतिपूर्ण तरीकों से अपना गुस्सा व्यक्त करना चाहिए. उन्होंने धनगर समुदाय से शांति बनाये रखने की अपील की है.

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