नागपुर: बेमियादी हड़ताल पर जिलाधीश कार्यालय के कर्मचारी, कार्यालयों में सन्नाटा

  • जिला प्रशासन का कामकाज हुआ प्रभावित
  • कलेक्टरेट में किया प्रदर्शन
  • महाराष्ट्र राज्य राजस्व कर्मचारी संगठन का आह्वान

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-15 15:49 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र राज्य राजस्व कर्मचारी संगठन के आह्वान पर राजस्व कर्मचारी अपनी मांगों के समर्थन में सोमवार 15 जुलाई से बेमियादी हड़ताल पर चले गए। कर्मचारियों ने काम का बहिष्कार करते हुए जिलाधीश परिसर में अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया। कई विभागों में कामकाज प्रभावित हुआ है।

संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष राज ढोमणे की अगुवाई में कर्मचारियों ने जिलाधीश कार्यालय परिसर में हाथ में बैनर लेकर प्रदर्शन किया आैर मांगे पूरी करने की मांग की। आंदोलनकारियों ने 2006 से प्रलंबित आकृतिबंद लागू करने, दांगट समिति की सिफारिशें तुरंत लागू करने, राजस्व सहायक का ग्रेड पे बढ़ाने व रिक्त पदों के तुरंत भरने की मांग की। जब तक मांगे पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहने की चेतावनी दी। आंदोलन के कारण जिला प्रशासन के विविध कार्यालयों व विभागों में कर्मचारियों की कुर्सियां खाली दिखाई दी। कार्यालयों में चहल-पहल की बजाय सन्नाटा छाया हुआ था।

संगठन के उपाध्यक्ष राज ढोमणे ने बताया कि, संगठन कई वर्षों से शासन व प्रशासन से मांगें मंजूर करने की गुजारिश कर रहा है, लेकिन मांगे अभी तक मंजूर नहीं हुईं हैं। शासन-प्रशासन का ध्यान खींचने के लिए बेमियादी हड़ताल पर जाना पड़ा। आंदोलन की जानकारी शासन व जिला प्रशासन को पहले ही दे दी गई थी। प्रभारी जिलाधीश तुषार ठांेबरे के माध्यम से मांगों का निवेदन सरकार को भेजा गया। मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहने की चेतावनी दी। हर बार केवल आश्वासन मिलता है आैर अब आश्वासन से काम नहीं चलेगा। जिले में करीब 100 पद खाली पड़े हैं, इसलिए कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ गया है।

आंदोलन में संगठन के देवेंद्र शिदोडकर, दिनेश तिजारे, विजया गायकवाड़, अभिषेक हिवसे, सतीश सूर्यवंशी, स्नेहल खवले, मंगेश जाधव, सुभाष मोवले, अनिल महाले, अमर शिरसाट, स्नेहल मुरकुटे, संजय सहारे, कमलेश शेंदे्र, केतकी कोलीपारा, अर्चना कडव, रुपाली खाडे, अनिल हेडाऊ, मिनाक्षी कोरडे आदि शामिल थे।

बैरंग लौट रहे लोग

काम के संबंध में जिलाधीश कार्यालय पहुंच रहे लोगों को आंदोलन के कारण बैरंग लौटना पड़ रहा है। राजस्व कर्मचारी हड़ताल पर जाने से पटवारी, मंडल अधिकारी व नायब तहसीलदारों पर काम का बोझ बढ़ गया है।

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