महाराष्ट्र: खाली प्लॉट वाले अब हो जाएं सावधान, बढ़ रहा डेंगू-चिकनगुनिया का प्रकोप, कड़ी कार्रवाई के मूड में है मनपा

  • शहर के कई इलाकों में खाली प्लॉट बन रहे परेशानी का सबब
  • जमा हो रहा पानी और गंदगी
  • डेंगू-चिकनगुनिया का प्रकोप बढ़ने से कार्रवाई के मूड में हैं मनपा
  • प्लॉट खाली है तो करा लें भरन, पानी नहीं रुकेगा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-26 13:11 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यदी आपका प्लॉट खाली पड़ा है, और उसमें पानी जमा हो रहा है, तो हो जाएं सावधान! यह पड़ोस में रहने वाले दूसरे परिवारों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। क्योंकि रुके पानी में मच्छरों के खतरनाक लार्वा पनपते हैं, अब जब उपराजधानी में डेंगू और चिकनगुनिया का तेजी से संक्रमण फैल रहा है। तो महानगर पालिका ने भी खाली प्लॉट धारकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का मूड बना लिया है। शहर के मंगलवारी, धंतोली और धरमपेठ जोन में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। मनपा के स्वास्थ्य विभाग से उपाययोजना आरंभ करने का दावा किया गया है। रोजाना संक्रमण वाले इलाकों में फागिंग और कीटनाशक फवारणी की जा रही है, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले दो माह में शहर में 291 संदिग्ध और 56 संक्रमित चिकुनगुनिया के मरीज मिले है। बावजदू इसके रोकथाम के प्रयासों को लेकर कमी दिखाई दे रही है। पिछले दो माह में शहर में डेंगू और चिकनगुनिया का संक्रमण तेजी से बढ़ा है। मनपा का दावा है कि स्वच्छ पानी के जमा रहने से एडिस मच्छर पनप रहे है। इन मव्च्छरों के चलते शहर में डेंगू और चिकनगुनिया का संक्रमण बढ रहा है। एडिस मच्छर को अंडे से वयस्क मच्छर तक बनकर संक्रमण करने में 8 दिनों की समयावधि लगती है। इस समयावधि में जलजमाव वाले इलाके की सफाई करने से संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ा जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि शहर के मंगलवारी, धंतोली और धरमपेठ जोन में सर्वाधिक मरीज पाएं जा रहे हैं। इन इलाकों में लगातार फागिंग और कीटनाशक का स्प्रे किया जा रहा है, जबकि संदिग्ध मरीजों के नमूनों को एलाइजा टेस्ट के लिए मनपा के प्रभाकरराव दटके अस्पताल के साथ ही में मेयो मेडिकल और एम्स में भेजा जा रहा है। शहर में 10 जोन में 24 फागिंग मशीन के साथ ही 130 मशीनों से कीटनाशक स्प्रे भी किया जा रहा है।

खालीप्लाट धारकों पर कड़ी कार्रवाई का प्रयास

शहर में उत्तर नागपुर के दीपक नगर, कामगार नगर, भरतवाड़ा, पारडी समेत अनेक इलाकों में खाली प्लाट संक्रमण को बढ़ाने में सहायक साबित हो रहे हैं। इन प्लॉट पर जलजमाव होने से एडिस के लार्वा तेजी से पनप रहे हैं। जलजमाव वाले इलाकों में मिलो (मास्किटो लार्वासाइडर आईल) को डाला जा रहा है, ताकि तेल से ऑक्सीजन स्तर कम होने से लार्वा में एडिस मर जाएं। वहीं दूसरी ओर शहर के निजी अस्पतालों में भी डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों को आने पर तत्काल मनपा को सूचना देने का निर्देश दिया गया है।

जलजमाव से परहेज करें

डॉ दीपक सेलोकार, स्वास्थ्य अधिकारी, मनपा के मुताबिक शहर में डेंगू और चिकनगुनिया का तेजी से संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में नागरिकों को एडिस मच्छर का विस्तार होने से रोकने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए अपने घरों और परिसर में जलजमाव को होने से रोकने के लिए पानी को सूखा करने का प्रयास करें। पानी वाले स्थान पर स्प्रे, एबेट टैबलेट का छिड़काव करना चाहिए।

डेंगू मरीजों की स्थिति

माह          संदिग्ध      संक्रमित

जनवरी      6               0

फरवरी      22              6

मार्च          8               2

अप्रैल         7              1

मई          20              4

जून          46              8

जुलाई     164             14

कुल        273             35

चिकनगुनिया मरीजों की स्थिति

इस साल जनवरी से मई माह तक शहर में चिकनगुनिया का एक भी मरीज नहीं था, लेकिन पिछले दो माह में संक्रमितों की संख्या 86 पहुंच गई है, जबकि 291 से अधिक संदिग्ध मरीज पाएं गए है।

माह           संदिग्ध      संक्रमित

जून           82               30

जुलाई       209              56

कुल          291              86

प्रदेश में मानसूनी बीमारियों का बना प्रकोप- मलेरिया के मच्छरों का डंक तीन गुना और डेंगू के मच्छरों का डंक 5 गुना बढ़ा

मानसून आने से पहले की तुलना में मानसून के दस्तक देने के बाद मौसमी बीमारियों का प्रकोप तीन गुना बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मानसून आने से पहले मलेरिया के रोजाना 37 और डेंगू के 16 मरीज मिल रहे थे। लेकिन मानसून के दस्तक देने के एक महीने के भीतर मलेरिया के मामले जहां करीब तीन गुना इजाफा हुआ है वहीं डेंगू के मामले में करीब 5 गुना इजाफा देखने को मिल रहा है। वर्तमान में प्रदेश में मलेरिया के रोजाना 97 और डेंगू के 72 मरीज मिल रहे है। स्वास्थ्य विभाग से मिले रिपोर्ट के मुताबिक 21 जून से लेकर 18 जुलाई तक राज्य के विभिन्न जिलों में मलेरिया के 2,924 मामले जहां मिले है। वहीं डेंगू के 2,163 मामले सामने आए है। इसके साथ ही अभी तक यानी 7 महीनों में मलेरिया मरीजों की संख्या 7,447 और डेंगू मरीजों की संख्या 4,965 तक पहुंच गई है। इसके अलावा डेंगू से दो मरीजों की मौत भी हुई है।

गडचिरोली में मलेरिया के सबसे ज्यादा मामले

प्रदेश में बीते एक महीने सबसे अधिक मलेरिया के मामले गडचिरोली में मिले है। एक महीने में प्रदेश में कुल मिले मलेरिया के 2,924 मामलों में से 62 फीसदी यानी 1,826 मामले सिर्फ गडचिरोली में पाए गए हैं। इसके बाद मुंबई में 657, चंद्रपुर में 105 और पनवेल में 37 मरीज मिले हैं। इसी तरह जुलाई में मलेरिया से तीन लोगों की मौत हो चुकी है और ये तीनों मौतें गढ़चिरौली में हुई हैं।

डेंगू में मुंबई टॉप पर

मलेरिया की तरह डेंगू के मामले भी बढ़ गए हैं। 21 जून से 18 जुलाई तक एक महीने की अवधि के दौरान राज्य में 2 हजार 163 डेंगू के मामले पाए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा मरीज मुंबई में मिले है। मुंबई में डेंगू के 394 मरीज पाए गए हैं। इसके बाद कोल्हापुर में 297 मरीज, नासिक में 238 मरीज, रायगड में 103 मरीज, रत्नागिरी में 61 मरीज और पालघर में 45 मरीज मिले हैं। इसी अवधि में राज्य में डेंगू से दो लोगों की मौत हो गयी है।

चिकनगुनिया के मरीजों में भी बढ़ोतरी हो रही है

मलेरिया, डेंगू की तरह इस साल चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। 21 जून से 18 जुलाई तक एक माह के दौरान राज्य में चिकनगुनिया के 334 मामले सामने आये हैं। पिछले साल जुलाई तक प्रदेश में 363 मरीज मिले थे। इस साल राज्य में अब तक यानी 7 महीनों में चिकनगुनिया के 1075 मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन पिछले साल पूरे साल में 1702 मरीज मिले थे।


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