नागपुर: टीबी नियंत्रण के लिए मेडिकल में बनेगा आधुनिक केंद्र, निधि मंजूरी का इंतजार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेडिकल के टीबी वार्ड परिसर में राज्य सरकार की इंटरमीडिएट रेफरेंस लेबोरेटरी है। इसी के साथ स्टेट टीबी ट्रेनिंग एंड डेमोस्ट्रेशन सेंटर है। यहां राज्य के 22 जिलों के टीबी के सैंपलों की जांच की जाती है। यह पुरानी इमारत होने से 2011 में यहां की लेबोरेटरी का नवीनीकरण किया गया। बावजूद जगह की कमी व असुविधाएं हैं। इसलिए तीन साल पहले सरकार को नई इमारत का प्रस्ताव भेजा गया। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। करीब 7 करोड़ रुपए खर्च कर नई दो मंजिला अत्याधुनिक ट्रेनिंग सेंटर, ड्रग स्टोर समेत अन्य सुविधाएं तैयार की जानेवाली हैं। लेकिन 3 साल से निधि नहीं मिलने से इस प्रस्ताव की प्रारंभिक प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई। सूत्रों ने बताया कि हाल ही में 50 लाख रुपए मिलने के संकेत मिले हैं, इसका इंतजार किया जा रहा है। यह राशि मिलते ही कागजी प्रक्रिया, नक्शा मंजूरी आदि कार्य किये जाएंगे।
राज्य के तीन शहरों में केंद्र
राज्य के तीन शहर मुंबई, पुणे व नागपुर में इंटरमीडिएट रेफरेंस लेबोरेटरी व स्टेट टीबी ट्रेनिंग एंड डेमोस्ट्रेशन सेंटर है। यहां सैंपलों की जांच, दवा आपूर्ति व कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। नागपुर के संेटर पर 22 जिलों की जिम्मेदारी है। यहां हर महीने ऑनलाइन व ऑफलाइन 500 से अधिक कर्मचारी प्रशिक्षण लेते हैं। 22 जिलों से औसत 150 सैंपल हर रोज जांच के लिए आते हैं। जांच के बाद संबंधित शहर में रिपोर्ट भेजी जाती है। सरकार के निर्देशानुसार इस केंद्र में टीबी के नियंत्रण व रोकथाम व विविध उपाययोजना पर काम किया जाता है। इसलिए यहां संसाधन व सुविधाएं जरूरी बताई गई हैं। इसे देखते हुए प्रस्ताव बनाकर दिया गया है। लेकिन जब तक निधि उपलब्ध नहीं होगी, तक तक काम आगे नहीं बढ़ पाएगा।