एक सी रणनीति: विधानसभा चुनाव में राकांपा के दोनों गुटों में देखने को मिलेंगे युवा उम्मीदवार

  • शरद पवार ने अजित के बड़े नेताओं के खिलाफ बनाया प्लान
  • विधानसभा चुनाव की जोरों पर तैयारी
  • शरद पवार के पास है नामचीन चेहरों की कमी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-04 15:07 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में राकांपा (शरद) को बड़ी सफलता मिलने के बाद अब आगामी विधानसभा चुनाव में अजित गुट को पटखनी देने की योजना बना ली है। राकांपा (शरद) अध्यक्ष शरद पवार ने अजित गुट के मौजूदा मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ युवा उम्मीदवारों को टिकट देने की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। उधर शरद गुट द्वारा युवाओं को विधानसभा चुनाव में टिकट देने की कवायद के बीच अजित पवार ने भी शरद पवार की युवा राजनीति को टक्कर देने के लिए युवाओं को मैदान में उतारने की तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में युवाओं का बोलबाला देखने को मिल सकता है।

दैनिक भास्कर ने शरद पवार की युवा राजनीति को लेकर 24 जुलाई को खबर प्रकाशित की थी, जिसमें अजित पवार के मंत्रियों एवं विधायकों के खिलाफ युवा उम्मीदवारों को उतारने की बात कही गई थी। खबर है कि शरद पवार ने अब राज्य की उन सीटों की पहचान कर ली है, जहां पर वह 20 युवा उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारेंगे। शरद ने जिन सीटों से युवाओं को टिकट देने का मन बनाया है उनमें बारामती, आलमनेर, इंदापुर, अणुशक्ति नगर, परली, आंबेगांव, कागल और श्रीवर्धन जैसी सीटें प्रमुख हैं। इन सीटों पर अजित पवार से लेकर धनंजय मुंडे और हसन मुश्रीफ से लेकर दिलीप वलसे पाटील जैसे मौजूदा दिग्गज विधायक हैं। खबर तो यह भी है कि अजित पवार जिस बारामती सीट से चुनाव लड़ते आए हैं, उस सीट पर अजित के ही भतीजे युगेंद्र पवार को शरद पवार चुनाव मैदान में उतार सकते हैं।

उधर शरद पवार के युवा कार्ड के बाद अब अजित पवार भी एक्शन मोड़ में आ गए हैं। सूत्रों का कहना है कि अजित पवार ने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को आगामी विधानसभा चुनाव में ऐसे युवा उम्मीदवारों को खोजने की जिम्मेदारी दी है, जो शरद पवार के उम्मीदवारों को टक्कर दे सकें। अजित ने कुछ दिनों पहले कहा था कि जब मैं खुद युवा था तो मुझे विधायक का टिकट मिला था। यहां तक कि मैं सांसद भी बहुत छोटी उम्र में बन गया था। ऐसे में हमारी कोशिश है कि राजनीति में ज्यादा से ज्यादा युवाओं का उतरना बहुत जरूरी है।

शरद पवार के पास है नामचीन चेहरों की कमी

पिछले साल राकांपा (अविभाजित) में हुई बगावत के बाद पार्टी के 40 से ज्यादा विधायक शरद पवार का साथ छोड़कर अजित पवार के साथ राज्य की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। उसके बाद से शरद पवार के पास नामचीन चेहरों का टोटा पड़ गया था। इसके बाद शरद गुट ने बागी विधायकों को सबक सिखाने के लिए युवा कार्ड खेलने का प्लान बनाया है।

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