आरक्षण की राजनीति: ओबीसी समाज के लिए पार्टी बनाएंगे शेंडगे, सभी लोकसभा सीटों पर लड़ेंगे चुनाव
- मराठा आरक्षण को लेकर बहुत जल्द होगा विधानमंडल का विशेष सत्र
- राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर लड़ेंगे चुनाव
- समाज में फूट डाल रहे जरांगे-पाटील
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आरक्षण को लेकर मराठा समाज और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आमने-सामने हैं। गरमाई राजनीति के बीच पूर्व विधायक प्रकाश शेंडगे ने ओबीसी समाज के लिए नई पार्टी बनाने की घोषणा की है। शेंडगे की पार्टी राज्य में लोकसभा की सभी 48 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं मराठा आरक्षण को लेकर जल्द ही विधान मंडल का विशेष सत्र बुलाया जा सकता है। राजनीतिक पार्टी बनाने के अलावा हमारे पास दूसरा कोई चारा नहीं है। शेंडगे ने मंगलवार को कहा कि मराठा समाज ने दबाव डाल कर ओबीसी के आरक्षण का सत्यानाश कर दिया है। ओबीसी का आरक्षण दूसरे वर्गों में बांटा जा रहा है। पिछड़ा वर्ग के लोगों ने एक साथ आने का निर्णय किया है। उन्होंने दावा किया कि राज्य की आबादी में ओबीसी की संख्या 60 से 65 प्रतिशत है। ओबीसी का हक सुनिश्चित करने के लिए हमने 15 सदस्यीय समिति बनाई है। हमारी पार्टी पूरे देश में काम करेगी। हमारे पास न तो कोई पावर है और न ही पैसा है। लेकिन हमारे पास जनशक्ति है, वोट बैंक है।
छीनने नहीं देंगे ओबीसी का हक
शेंडगे ने कहा कि ओबीसी आरक्षण पर पिछड़ी जातियों का हक है। इसे हम किसी को छीनने नहीं देंगे। हमारे ओबीसी समाज में 4 हजार अलग-अलग संगठन हैं। सभी संगठन एक साथ आ रहे हैं और ओबीसी समाज के हित में काम करेंगे।
समाज में फूट डाल रहे जरांगे-पाटील
खाद्य आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे-पाटील पर समाज में फूट डालने का आरोप लगाया। भुजबल ने कहा कि जरांगे-पाटील कभी धनगर समाज की लड़ाई लड़ते हैं तो कभी नाभिक समाज की। लेकिन वह धनगर और नाभिक समाज के आरक्षण की चोरी कर रहे हैं।
भुजबल ने नाभिक समाज का अपमान किया
जरांगे-पाटील ने कहा कि भुजबल समेत राज्य के सभी विधायकों को मराठा आरक्षण की आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भुजबल ने नाभिक समाज का अपमान किया है। उन्हें नाभिक समाज से माफी मांगनी चाहिए।
आयोग की रिपोर्ट का इंतजार
स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार जल्द ही मराठा आरक्षण के लिए विधान मंडल का विशेष सत्र बुलाएगी। विधान मंडल के शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ऐलान किया था कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण को लेकर फरवरी में कभी भी विशेष सत्र बुला सकती है।
कुणबी प्रमाण-पत्र के खिलाफ याचिका पर सुनवाई टली
मराठों को कुणबी प्रमाणपत्र जारी करने के फैसले को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई 20 फरवरी तक टल गई है। ओबीसी वेल्फेयर फाउंडेशन के अध्यक्ष मंगेश ससाने ने यह याचिका दायर की है। ससाने के वकील आशीष मिश्रा को मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने याचिका से महाधिवक्ता का नाम हटाने का निर्देश दिए। वहीं मराठा संगठन शिवसंग्राम के जिला अध्यक्ष वसंत सालुंखे ने कैविएट फाइल की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।