दिंडोशी सत्र न्यायालय: सीरियल मोलेस्टर रेहान कुरैशी बरी, 20 नाबालिगों के साथ दुराचार का था आरोप

  • (पाक्सो) मामले में आरोपी रेहान कुरैशी बरी
  • पीड़िता ने कथित घटना के समय अंधेरा होने की बात स्वीकार की

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-28 15:19 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। दिंडोशी सत्र न्यायालय ने 20 नाबालिग लड़कियों से दुराचार के यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पाक्सो) मामले में आरोपी रेहान कुरैशी को बरी कर दिया। अदालत ने माना कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने में पूरी तरह विफल रहा है। इसलिए संदेह का लाभ आरोपी को मिलता है। ऐसे में आरोपी को बरी किया जाना चाहिए।

विशेष न्यायाधीश एस.एम.तकलीकर ने रेहान कुरैशी की याचिका पर कहा कि पीड़िता ने कथित घटना के समय अंधेरा होने की बात स्वीकार की है। यह विश्वास करना कठिन है कि पीड़िता 4 साल बाद आरोपी को पहचान सकती है। जब घटना के समय अंधेरा था। इसलिए अदालत ने पूरी घटना को संदिग्ध पाया। अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए आरोपी को बरी कर दिया।

गोरेगांव में शाम को करीब 7.30 बजे घर लौटने से पहले 10 वर्षीय लड़की कुछ घंटों के लिए लापता हो गई थी। जब उससे पूछा गया कि वह कहां थी, तो लड़की ने कहा कि उसे एक लड़के ने घेर लिया था। लड़के के नजर से ओझल होने के बाद लड़की इमारत से निकल कर घर लौट आई। उसकी मां की शिकायत पर गोरेगांव पुलिस ने कुरैशी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस मामले में उसे 2019 में गिरफ्तार किया गया था। अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि पीड़िता ने पहचान परेड के दौरान आरोपी की पहचान की थी।

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