टीएमसी के गरीबों के दिए जाने वाले घर योजना में घोटाला, बॉम्बे हाई कोर्ट ने ठाणे पुलिस को लगाई फटकार
- एक व्यक्ति और उसके परिवार के नाम पर 19 फ्लैट आवंटित
- पुलिस ने नहीं दर्ज किया एफआईआर
- पुलिस को हलफनामा दायर कर जवाब देने का निर्देश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट में ठाणे महानगर पालिका (टीएमसी) की गरीबों के दिए जाने घर की योजना में बड़े पैमाने पर घोटाले का मामला आया है। टीएमसी ने एक व्यक्ति और उसके परिवारों को कई-कई फ्लैट आवंटित किए हैं। इसकी शिकायत ठाणे पुलिस में की गयी थी, लेकिन पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। अदालत ने ठाणे पुलिस को फटकार लगाते हुए हलफनामा दाखिल कर जवाब देने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति ए.एस.गडकरी और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की खंडपीठ के समक्ष गुरुवार को सत्यपाल जगसरन भगवाने की ओर से वकील अशोक सरोगी, वकील प्रियतोष तिवारी और सुशील उपाध्याय की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने ठाणे पुलिस के हलफनामा दाखिल करने में असमर्थता जताई, तो खंडपीठ ने पुलिस नाराजगी जताते हुए एक सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने पुलिस से जवाब मांगा है कि आखिर याचिकाकर्ता की शिकायत के बावजूद आरोपी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गयी?
याचिकाकर्ता के वकील प्रियतोष तिवारी ने दलील दी कि टीएमसी की गरीबों को झोपड़े के बदले पक्का मकान देने की योजना घोटाला हुआ है। धर्मवीर महरोल नामक व्यक्ति और उसके परिवार के नाम पर एक झोपड़े के बदले 19 फ्लैट आवंटित किए गए। उसने उसमें से 15 फ्लैट दूसरों को बेच दिया है। जबकि टीएमसी की ओर से गरीब की आधार पर आवंटित घर को किसी और को बेच नहीं सकते हैं। याचिकाकर्ता भगवाने ने आरटीआई से जानकारी निकाली, तो गरीबों को घर देने की योजना में घोटाला सामने आया। उन्होंने 11 अप्रैल 2019 को ठाणे पुलिस में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं किया। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में टीएमसी के गरीबों को दिए जाने वाले घोटाले में शामिल आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है