New Delhi News: कांग्रेस की मांग- नकदी के साथ पकड़े गए विनोद तावड़े के खिलाफ कार्रवाई हो

  • तावड़े के खिलाफ कार्रवाई की मांग
  • चुनाव से कुछ घंटे पहले क्यों बांटा जा रहा पैसा!
  • तावड़े से हुई जब्ती और कैग के आदेश के बीच क्या संबंध?
  • महाराष्ट्र चुनाव में सत्ता और संसाधनों का धड़ल्ले से हो रहा दुरुपयोग

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-19 14:51 GMT

New Delhi News : कांग्रेस ने महाराष्ट्र चुनाव से एक दिन पहले पांच करोड़ की नकदी के साथ पकड़े गए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। तावड़े के पास मिली डायरी में लगभग 15 करोड़ रुपये के लेन-देन का विवरण भी मिला है। कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने विनोद तावड़े को लोगों द्वारा नकदी के बंडलों के साथ रंगे हाथों पकड़े जाने का वीडियो दिखाया। उन्होंने बताया कि तावड़े को मुंबई के एक होटल से रंगे हाथों पकड़ा गया, जबकि वह इस इलाके से ताल्लुक नहीं रखते हैं। तावड़े खुलेआम पैसे बांटने आए थे, उनके पास से पांच करोड़ रुपये नकद बरामद हुए हैं। इसके साथ ही उनके पास एक डायरी मिली है, जिसमें 15 करोड़ रुपये का लेखा-जोखा है।

चुनाव से कुछ घंटे पहले क्यों बांटा जा रहा पैसा!

कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया कि ये पैसा चुनाव के महज कुछ घंटे पहले क्यों बांटा जा रहा है? नियम कहता है कि चुनाव प्रचार थम जाने के बाद कोई भी किसी दूसरे चुनावी इलाके में नहीं रह सकता, ऐसे में विनोद तावड़े विरार पूर्वी में क्या कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र चुनाव में सत्ता और संसाधनों का धड़ल्ले से दुरुपयोग किया जा रहा है। ऐसे में सवाल है कि चुनाव आयोग अब कोई कार्रवाई करेगा या साक्ष्य मौजूद होने पर मूकदर्शक बना रहेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष के बैग, हेलीकॉप्टर चेक करेगी, लेकिन इनके नेता खुद करोड़ों रुपये लेकर घूम रहे हैं।

तावड़े से हुई जब्ती और कैग के आदेश के बीच क्या संबंध?

श्रीनेत ने कहा कि तावड़े से जब्त की गई नकदी और 9 अक्टूबर, 2023 के कैग के आदेश के बीच संबंध हो सकता है। 9 अक्टूबर, 2023 को दिल्ली से कैग मुख्यालय ने आदेश दिया कि महाराष्ट्र में परियोजनाओं की ऑडिट रोक दी जाएं। इस आदेश में ये भी कहा गया कि फील्ड ऑफिसर अन्य तरह के सामान्य ऑडिट में लगा दिए जाएं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यह कौन नहीं जानता है कि चोरी से बनी महायुति सरकार में भ्रष्टाचार अपने चरम पर था, यह क्यों न मान जाए कि सरकारी खजाने की लूट करके ही विधायकों की नीलामी और खरीद फरोख्त की जा रही थी। 

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