निजी संस्थाओं को दी हुई जमीन का हर पांच साल में बढ़ेगा किराया

  • राजस्व विभाग ने शासनादेश जारी किया
  • निजी संस्थाओं को दी हुई जमीन पर निर्देश
  • हर पांच साल में बढ़ेगा किराया

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-02 13:00 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. प्रदेश में निजी व्यक्ति अथवा संस्थाओं को विभिन्न कामों के लिए दी जाने वाली जमीन के किराए में अब हर पांच साल बाद संशोधन होगा। जमीन का किराया तत्कालीन बाजार मूल्य और रियायती दर के आधार पर निश्चित किया जाएगा। प्रदेश के राजस्व विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। सरकार ने बीते 16 जुलाई के मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार, यह शासनादेश लागू किया है। राज्य में अभी तक निजी संस्थाओं को दी गई सरकारी जमीन के किराए में 10 साल बाद बदलाव किया जाता था। लेकिन सरकार का कहना है कि सरकारी जमीन काफी कम उपलब्ध है। राज्य में बड़े पैमाने पर किराए के जमीन की मांग हो रही है। दूसरी ओर जमीन की कीमतें भी लगातार बढ़ रही हैं। इसलिए राज्य भर में सरकारी जमीन के किराए का नवीनीकरण हर 5 साल में करने का फैसला लिया गया है। इससे निजी व्यक्ति और संस्थाओं को विभिन्न कामों के लिए जमीन अधिकतम पांच साल के लिए दी जाएगी। यह अवधि खत्म होने के बाद संबंधित जमीन के किराए में संशोधन किया जाएगा।

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