छलका दर्द: राजेंद्र विखे-पाटील ने कहा - वो मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्ते निभा रहा था

  • नाशिक शिक्षक सीट से नामांकन वापसी पर छलका दर्द
  • राजेंद्र विखे-पाटील का दर्द
  • नाशिक में होगा त्रिकोणीय मुकाबला

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-13 15:32 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार में मंत्री और भाजपा के नेता राधाकृष्ण विखे-पाटील के भाई राजेंद्र विखे-पाटील ने नाशिक शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद की उम्मीदवारी का पर्चा दाखिल किया था। हालांकि राजेंद्र अपने भाई राधाकृष्ण के कहने पर चुनाव मैदान से हट गए। राजेंद्र ने अब सोशल मीडिया पर एक कविता पोस्ट की है, जिसमें उन्होंने रिश्तों का जिक्र करते हुए अपना दर्द बयां किया है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि राजेंद्र ने इस कविता के जरिए किस पर निशाना साधा है।

राजेंद्र विखे-पाटील ने जैसे ही बुधवार को नाशिक शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से अपनी उम्मीदवारी वापस ली, उसके कुछ देर बाद ही उन्होंने सोशल मीडिया पर एक कविता साझा की। राजेंद्र ने लिखा कि, " शतरंज का शौकीन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया। वो मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्ते निभा रहा था"। दरअसल राजेंद्र ने इस कविता के जरिए यह कहने की कोशिश की, कि वह विधान परिषद के चुनाव से पीछे नहीं हटना चाहते थे। खबर है कि राजेंद्र ने राधाकृष्ण के साथ बुधवार को हुई चर्चा के बाद अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी। हालांकि इस पोस्ट को लेकर राजेंद्र ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया।

नाशिक में होगा त्रिकोणीय मुकाबला

नाशिक शिक्षक सीट पर राकांपा (अजित), शिवसेना (शिंदे) और शिवसेना (उद्धव) के आने से त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है। उद्धव गुट से जहां संदीप गलवे उम्मीदवार होंगे, वहीं अजित गुट ने महेंद्र भावसार को चुनाव मैदान में उतारा है। जबकि शिंदे गुट के किशोर दराडे भी उम्मीदवार होंगे। ऐसे में यहां पर महायुति के ही उम्मीदवारों में आपस में टक्कर देखने को मिलेगी। इस सीट से कांग्रेस के दिलीप पाटील ने भी नामांकन दाखिल किया था लेकिन उद्धव गुट के साथ से हुई सहमति के बाद पाटील ने अपना पर्चा वापस ले लिया। विधान परिषद के लिए 26 जून को मतदान होगा।

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