आयोजन: शिवसेना (उद्धव) की दशहरा रैली का शिवाजी पार्क में होने का रास्ता साफ
- दशहरा रैली का शिवाजी पार्क में आयोजन
- आयोजन का रास्ता साफ
- शिवसेना (उद्धव) की दशहरा रैली
- हमारी दशहरा रैली क्रॉस मैदान या आजाद मैदान में होगी- शिंदे
डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना (उद्धव) की शिवाजी पार्क में होने वाली दशहरा रैली का रास्ता साफ हो गया है। शिवसेना की प्रतिष्ठित दशहरा रैली के आयोजन को लेकर शिवसेना के दोनों गुट पिछले कई दिनों से आमने-सामने थे। दोनों ही गुटों ने शिवाजी पार्क में दशहरा रैली आयोजित करने के लिए मुंबई मनपा से अनुमति मांगी थी। अब राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कर दिया है कि उन्होंने शिवाजी पार्क में दशहरा रैली आयोजित करने के लिए मनपा से जो इजाजत मांगी थी उसे वापस ले लिया है। शिंदे गुट के माहिम से विधायक सदा सरवणकर ने 1 अक्टूबर को मुंबई मनपा से दादर के शिवाजी पार्क मैदान में दशहरा रैली आयोजित करने के लिए आवेदन दिया था। 7 अक्टूबर को उद्धव गुट ने भी दशहरा रैली के आयोजन के लिए मनपा से इजाजत मांगी। दोनों ही गुट शिवाजी पार्क में दशहरा रैली के आयोजन को लेकर आमने-सामने थे। मंगलवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एकाएक घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने मुंबई के आजाद मैदान और क्रॉस मैदान में दशहरा रैली आयोजित करने के लिए मनपा में आवेदन किया है। शिंदे की घोषणा के बाद से यह साफ हो गया कि पिछले साल की तरह इस साल अब दशहरा रैली की आयोजन का मामला हाई कोर्ट तक नहीं पहुंचेगा। शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को अपने निवास स्थान पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि शिवसेना की दशहरा रैली की जो परंपरा रही है वह इस साल भी जारी रहेगी। इस साल भी दशहरा रैली का आयोजन शिवाजी पार्क में होगा।
बालासाहेब ठाकरे ने शुरू की थी दशहरा रैली की परंपरा
शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने दादर के शिवाजी पार्क में दशहरा रैली आयोजित करने की परंपरा शुरू की थी। जिसके बाद अब उद्धव ठाकरे शिवाजी पार्क में रैली आयोजित करते आए हैं। पिछले वर्ष शिवसेना में हुई बगावत के बाद दोनों ही गुटों ने अलग-अलग जगहों पर दशहरा रैली का आयोजन किया था। उद्धव ठाकरे ने जहां शिवाजी पार्क मैदान में ही रैली की थी जबकि शिंदे ने रैली का आयोजन बीकेसी में किया था। पिछली बार भी शिंदे और उद्धव शिवाजी पार्क मैदान में दशहरा रैली के आयोजन को लेकर आमने-सामने आ गए थे। जिसमें हाई कोर्ट को दखल देनी पड़ी थी।