चिन्तन मनन: मुंबई विभाग के 91.95 फीसदी विद्यार्थी ही हुए पास, फिर सबसे पीछे रहने पर चिंता

  • शिक्षा से जुड़े लोगों ने कहा तकनीक ही बन रही बाधा
  • मुंबई के एक बार फिर सबसे पीछे रहने पर चिंता

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-21 15:36 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. देश की आर्थिक राजधानी पढ़ाई के मामले में राज्य के दूसरे इलाकों से फिसड्डी साबित हो रहे हैं। मंगलवार को घोषित बारहवीं के नतीजों में मुंबई विभाग से सबसे कम 91.95 विद्यार्थी पास हुए हैं। हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में नतीजों में सुधार हुआ है। शैक्षणिक सत्र 2022-23 में मुंबई विभाग में 88.13 फीसदी विद्यार्थी ही पास हुए थे। सेवानिवृत्त प्रोफेसर दयानंद तिवारी ने कहा कि मुंबई के विद्यार्थियों के नतीजों में सबसे पीछे रहने की वजह तकनीक है। मोबाइल और इंटरनेट तक आसान पहुंच के चलते विद्यार्थी भटक जाते हैं। शिक्षक और अभिभावक दोनों परेशान हैं कि बच्चों को मोबाइल से कैसे दूर किया जाए। इसके अलावा कुछ लोग कम पैसों में बच्चों को मोबाइल पर शिक्षा देने का भी दावा करते हैं लेकिन मोबाइल पर पढ़ाई नहीं हो सकती। प्रोफेसर तिवारी ने कहा कि शिक्षकों और अभिभावकों में भी उतना अनुशासन नहीं है जितने की जरूरत है। प्रोफेसर ममता झा ने कहा कि मैं इस साल उत्तरपुस्तिका की जांच करते समय हैरान रह गई क्योंकि हिंदी विषय में कई विद्यार्थियों को कुछ न लिखने के चलते शून्य नंबर देने पड़े इसके अलावा कई विद्यार्थी फेल हुए। पहले हिंदी में काफी कम विद्यार्थी फेल होते थे। दरअसल इस सत्र के ज्यादातर विद्यार्थियों ने कोरोना संक्रमण के चलते 10वीं की परीक्षा अपने स्कूल में ही दी थी और एक तरह से उनका पहली बोर्ड की परीक्षा थी। कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा असर मुंबई में हुआ था इसलिए यहां के नतीजे भी सबसे खराब हैं। इसके अलावा मोबाइल के चलते बच्चों की ध्यान केंद्रित करने की क्षमता पर असर पड़ा है। इसके अलावा मैंने कई शिक्षकों से बात की थी ज्यादातर का मानना था कि इस सत्र के बच्चों का व्यवहार थोड़ा अस्थिर था। बच्चों का ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित कराना जरूरी हो गया है साथ ही नतीजे बेहतर करने के लिए अभिभावकों को बच्चों के साथ थोड़ी सख्ती भी बरतनी होगी। शिक्षक एसएल दीक्षित ने कहा कि मुंबई विभाग का लगातार फिसद्दी रहना चिंता का विषय है। इसमें सुधार के लिए सभी स्तरों पर कदम उठाने होंगे। खराब नतीजों वाले महाविद्यालयों का मूल्यांकन कर इसमें सुधार के लिए कदम उठाने होंगे।

मुंबई विभाग के नतीजे

मुंबई विभाग में भी मुंबई शहर के नतीजे काफी खराब रहे हैं और यहां 89.06 फीसदी विद्यार्थी ही पास हुए। इसके अलावा मुंबई उपनगर में 91.1 फीसदी विद्यार्थी सफल रहे। ठाणे जिले के 92.08, पालघर जिले के 93.51 जबकि रायगढ जिले के 94.83 फीसदी विद्यार्थी सफल रहे हैं। इसके अलावा दोबारा या प्रायवेट परीक्षा देने वाले 33037 विद्यार्थियों में से 20924 यानी 63.33 फीसदी सफल रहे हैं।

विज्ञान के नतीजे आर्ट्स से काफी बेहतर

मुंबई में विज्ञान संकाय के नतीजे सबसे बेहतर रहे हैं और परीक्षा देने वाले 96.85 फीसदी विद्यार्थी सफल रहे हैं। कला संकाय के 83.56 फीसदी विद्यार्थी ही पास हुए हैं। वाणिज्य के 90.88 फीसदी छात्र सफल रहे हैं।

Tags:    

Similar News