बॉम्बे हाईकोर्ट: अवैध रूप से पत्थर तोड़ने की गतिविधियों से वायु-ध्वनि प्रदूषण को लेकर सातारा जिलाधिकारी को नोटिस

  • लगातार जिलेटिन ब्लास्ट से पत्थर तोड़े जाने से खदान के आसपास के गांवों में परेशानी
  • वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण से मानव समेत जीव, जंतु और पंछियों का संकट में जीवन
  • याचिका में पत्थर तोड़ने की गतिविधियों पर जल्द से जल्द रोक लगाने का अनुरोध

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-28 16:38 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट ने अवैध रूप से बड़े पैमाने पर पत्थर तोड़ने समेत खनन की गतिविधियों से वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण को लेकर सातारा के जिलाधिकारी को नोटिश भेजा है। जनहित याचिका में दावा किया गया है कि सतारा के मोहोडेकरवाडी विलेज में लगातार जिलेटिन ब्लास्ट से पत्थर खनन किए जाने से खदान के आसपास के गांवो में वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण से न केवल मानव समेत जीव, जंतु और पंछियों के जीवन पर संकट पैदा हो गया है, बल्कि किसानों की खेती को भारी नुक्सान उठाना पड़ रहा है। याचिका में पत्थर खनन की गतिविधियों पर जल्द से जल्द रोक लगाने का अनुरोध किया गया है। 29 जुलाई को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है।

मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ के समक्ष शुक्रवार को सातारा के वाई तहसील के सुरुर निवासी संतोष लक्ष्मण चव्हाण की ओर से वकील लिंगडे की दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील लिंगडे ने दलील दी कि राज्य सरकार ने 20 सितंबर 2023 में सातारा के मोहोडेकरवाडी विलेज में पत्थर खनन की 6 महीने की इजाजत दी थी। समय खत्म होने के बावजूद पत्थर का खनन हो रहा है।

जिलेटिन ब्लास्ट के जरिए पत्थर खनन से उसके आसपास के गांव में रहने वाली गर्भवती महीनाओं और बच्चों को बहत अधिक परेशानियों का समान कर पड़ रहा है। आसपास के गांव वाले वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण से भी जूझ रहे हैं। इससे किसानों की खेती को भारी नुक्सान हो रहा है। पीठ ने जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए सातारा के जिला अधिकारी समेत पत्थर खनन करने वालों को नोटिस जारी किया है। 29 जुलाई को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है।


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