चिंता: स्वास्थ्य का खयाल रखने में मुंबईकर पीछे, उच्च रक्तचाप तेजी से पसार रहा पैर
- मुंबई में बढ़ रहे ब्लडप्रेशर के मरीज
- डोर टू डोर स्क्रीनिंग में मिले एक फीसदी मरीज
- 22 महीने में एनसीडी कार्नर में मिले 10 फीसदी पीड़ित
डिजिटल डेस्क, मुंबई. भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने स्वास्थ्य का खयाल नहीं रख पाते हैं। यही वजह है कि ब्लड प्रेशर की चपेट में मुंबईकर तेजी से आ रहे हैं। इसका अंदाजा मुंबई मनपा अस्पतालों में शुरू एनसीडी (गैर संचारी रोग) कॉर्नर और डोर टू डोर स्क्रीनिंग में मिल रहे ब्लडप्रेशर के नए मरीजों की संख्या से लगाया जा सकता है। बीते 22 महीनों में सिर्फ एनसीडी कार्नर में जांच में 10 फीसदी हाई ब्लडप्रेशर के मरीज मिले हैं जबकि डोर टू डोर स्क्रीनिंग में एक साल में एक फीसदी मरीज मिले हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन और मनपा द्वारा बीते वर्ष किए गए एक स्टेप सर्वे में 34 फीसदी मुंबईकर हाइपरटेंशन से पीड़ित पाए गए थे। इन गैर संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर मनपा स्वास्थ्य विभाग ने स्क्रीनिंग के लिए 26 अस्पतालों में नॉन कम्युनिकेबल डिसीज(एनसीडी कॉर्नर) अगस्त 2022 में शुरू किया था। इसके अलावा 30 से ज्यादा आयु वर्ग में हाइपरटेंशन का प्रमाण जानने के लिए 4 जनवरी 2023 से डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग स्वास्थ्य विभाग ने शुरू किया था।
कहां कितने मरीज मिले
एनसीडी के 26 कॉर्नर में बीते 22 महीनों में 3 लाख 50 हजार लोगों की जांच की गई। इसमें से 35 हजार लोगों में उच्च रक्तचाप की शिकायत पाई गई। इसी तरह डोर टू डोर स्क्रीनिंग में 30 से ज्यादा आयु के 18 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें से 18 हजार लोग ब्लड प्रेशर के मरीज पाए गए हैं।
अब तक 21 हजार मरीजों की काउंसलिंग
मनपा स्वास्थ्य विभाग की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्षा शाह ने बताया कि अभी तक 21 हजार से अधिक रक्तचाप के रोगियों को आहार और दैनिक जीवन शैली संबंधित काउंसलिंग की गई। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वार्ड में मनपा द्वारा संचालित योग केंद्र का लाभ भी उक्त मरीज उठा रहे हैं।
क्या कहते हैं डॉक्टर
सायन अस्पताल के कार्डियक सर्जन डॉ. प्रशांत मिश्रा ने बताया कि हाई ब्लडप्रेशर खतरनाक बीमारी है। दरअसल, यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव काफी बढ़ जाता है। ऐसे में रक्त की धमनियों में रक्त का प्रवाह नियंत्रित बनाए रखने के लिए हृदय को सामान्य से अधिक काम करने की जरूरत पड़ती है।
क्या हैं वजह
- असंयमित जीवनशैली
- धूम्रपान, शराब सेवन
- ज्यादा तनाव होना
- तले हुए उच्च कैलोरी वाले भोजन/ पेय का सेवन
- पानी का कम सेवन
- अनुवांशिक कारण
इस तरह बरतें सावधानी
- चिकित्सक से सलाह लें
- डॉक्टर द्वारा बताए अनुसार आहार लें
- जंक फूड से दूर रहें
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- 6 से 7 घंटे की पर्याप्त नींद लें
- नमक का सेवन कम मात्रा में करें
- चिकित्सकीय सलाहनुसार जीवनशैली अपनाएं
ये है लक्षण
- थकान महसूस होना
- पसीना आना
- नाक से खून आना
- छाती में दर्द
- घबराहट महसूस होना
- चक्कर आना
- बेचैनी महसूस होना
- अनिद्रा