Mumbai News: एमबीबीएस में दाखिले के इच्छुक छात्र को मिली राहत, एनआरआई कोटे को बदलने की इजाजत

  • गलती से चुने गए एनआरआई कोटे को बदलने की इजाजत
  • एमबीबीएस में दाखिले के इच्छुक छात्र को मिली राहत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-31 15:24 GMT

Mumbai News : एमबीबीएस के दाखिले के लिए आवेदन के दौरान गलती से अनिवासी भारतीय (एनआरआई) कोटा चुन लेने वाले विद्यार्थी को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। न्यायमूर्ति संदीप मारणे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की अवकाशकालीन खंडपीठ ने उसे सीट उपलब्ध होने परसामान्य संस्थागत कोटे के तहत दाखिले की इजाजत दे दी है। दरअसल विद्यार्थी ने 15 फीसदी संस्थागत कोटे के तहत आने वाली सीटों में से अनिवासी भारतीय का कोटा चुन लिया था। विद्यार्थी के पास खुद को एनआरआई साबित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं थे। यह भी साफ था कि उसने गलती से यह वर्ग चुना था क्योंकि सिर्फ 10वीं और 12वीं की मार्कशीट उपलब्ध कराने के अलावा इस कोटे के तहत उसे कोई लाभ नहीं था। जबकि उसके पास मार्कशीट उपलब्ध थी लेकिन आवेदन में हुई इस गलती को सुधारने का कोई विकल्प नहीं था। सीईटी सेल के नियमों के मुताबिक भी आवेदक अगर दूसरे कॉलेज या दूसरे विषय का चयन करे तभी वह कैटेगरी बदल सकता है।

याचिकाकर्ता की वकील नाजनीन खत्री ने मांग की थी कि जिन विद्यार्थियों को संस्थागत कोटे की सीटों के तहत दाखिले के लिए चुना गया है अगर उनमें से कोई दाखिला नहीं लेता तो उस जगह याचिकाकर्ता को दाखिले का मौका दिया जाए। सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद खंडपीठ ने विद्यार्थी को अपनी कैटेगरी बदलकर संस्थागत कोटे के तहत आवेदन की इजाजत दे दी है। हालांकि छात्र को दाखिला तभी मिलेगा जब फिलहाल जिन विद्यार्थियों को सीटें आवंटित की गई हैं उनमें से कोई दाखिला नहीं लेगा। याचिकाकर्ता की वकील खत्री ने कहा इस फैसले से विद्यार्थी का एक साल बच सकता है। अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि यह आदेश एक मामले में तथ्यों को ध्यान में रखकर दिया गया है। इसे दूसरे मामलों में मिसाल नहीं बनाया जाना चाहिए।

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