बड़ा निशाना: सांसद संजय राऊत ने कहा - राष्ट्रपति भी है तानाशाह सरकार की जिम्मेदार

    Bhaskar Hindi
    Update: 2024-06-27 14:48 GMT

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. शिवसेना नेता एवं सांसद संजय राऊत ने गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से तानाशाही चल रही है उसकी जिम्मेदार राष्ट्रपति महोदया भी हैं। राष्ट्रपति जी को सरकार को रोकना चाहिए।

    आम आदमी पार्टी द्वारा राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने की भूमिका का स्वागत करते हुए सांसद राऊत ने कहा कि जिस प्रकार से फिर केजरीवाल को एक बार जमानत मिलने के बाद भी सीबीआई ने गिरफ्तार किया ये आपातकाल से भी ऊपर तानाशाही हो गई है। ये 50 साल के बाद भी इमरजेंसी की बात करते हैं। पिछले 10 साल से भी देश में इमरजेंसी ही है। राष्ट्रपति भी तानाशाह सरकार की जिम्मेदार है। हम सब लोग संसद में इस बारे में सवाल पूछेंगे।

    बगैर मुख्यमंत्री के चेहरे के विधानसभा चुनाव में जाना खतरनाक: संजय राऊत

    मानसून सत्र के पहले दिन विधानमंडल में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की लिफ्ट के बाहर मुलाकात हुई। दोनों नेता एक साथ तीसरी मंजिल तक गए।आगामी विधानसभा चुनाव के लिए महाविकास आघाडी में भले ही सीटों के बंटवारे को लेकर अभी तक चर्चा शुरू नहीं हुई हो लेकिन मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा इसको लेकर आघाडी के दलों में खींचतान शुरू हो गई है। शिवसेना (उद्धव) सांसद एवं प्रवक्ता संजय राऊत ने अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए जाने की वकालत की है। राऊत ने कहा कि राज्य में होने वाला विधानसभा चुनाव हमें मुख्यमंत्री पद के चेहरे के बिना लड़ना खतरनाक हो सकता है। हालांकि महाविकास आघाडीके दलों ने राऊत के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की जगह राज्य में सत्ता में लौटने पर ध्यान देने की जरूरत है। राऊत ने कहा कि जिस तरह से लोकसभा चुनाव में एनडीए ने नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा था, वैसे ही महाराष्ट्र में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में भी मुख्यमंत्री का चेहरा सामने रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता मुख्यमंत्री के तौर पर उद्धव ठाकरे का काम देख चुकी है। यहां तक कि लोकसभा चुनाव में भी उद्धव ठाकरे के पक्ष में मतदान हुआ था। इसलिए ठाकरे को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर देना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा किसको होना चाहिए, इसका फैसला आघाडी की बैठक में होना चाहिए। इसको लेकर मीडिया में बयानबाजी करने की कोई जरूरत नहीं है। वहीं राकांपा (शरद) प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि आघाडी के दलों को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम का ऐलान करने की जगह इस पर ध्यान देना चाहिए कि राज्य की सत्ता में किस तरह से वापस लौटा जाए।


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