एफडीए पोर्टल पर खुलासा: बिना फार्मासिस्ट के चलाए जा रहे मुंबई-ठाणे के 200 से ज्यादा मेडिकल स्टोर

  • मेडिकल स्टोर संचालकों पर कार्रवाई की उठी मांग
  • मुंबई के 165 और ठाणे के 83 मेडिकल स्टोर पर आरोप
  • लोगों की जान के साथ खिलवाड़

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-05 16:46 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. मुंबई और ठाणे में एक दो नहीं बल्कि 200 से अधिक मेडिकल स्टोर्स लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। बिना फार्मासिस्ट के इन मेडिकल स्टोर्स में दवाइयां बेची जा रही हैं। बिना फार्मासिस्ट के धड़ल्ले से चल रहे इन मेडिकल स्टोर्स की कहानी स्वयं अन्न व औषधि प्रशासन (एफडीए) का पोर्टल बयां कर रहा है। इसे लेकर अब इन मेडिकल स्टोर के संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग हो रही है।

नए फार्मासिस्ट को जोड़ने और उसे हटाने की सारी प्रक्रिया एफडीए के पोर्टल पर उपलब्ध है। इस पोर्टल पर राज्य के सभी मेडिकल स्टोर पंजीकृत हैं और उनकी आईडी भी बनाई गई है। पोर्टल पर मेडिकल स्टोर संचालक अपने यहां फार्मासिस्ट की नियुक्ति और हटाने की जानकारी समय-समय पर अपडेट करते हैं। इसी पोर्टल के अनुसार मुंबई और ठाणे के 200 से अधिक मेडिकल स्टोर्स पर फार्मासिस्ट नहीं है। इसमें मुंबई के 165 और ठाणे के 83 मेडिकल स्टोर का समावेश है।

क्या है नियम

नियमानुसार अगर कोई मेडिकल स्टोर का संचालक अपने यहां से किसी फार्मासिस्ट को हटाता है तो उसे नए फार्मासिस्ट की भी जानकारी उसी समय देना अनिवार्य होती है। अगर वह जानकारी नहीं देता है तो नियमानुसार उसे अपना व्यवसाय बंद करना होता है। इसके अलावा एफिडेविट के जरिए फार्मासिस्ट की मौजूदगी में आखिरी बार बेची गई दवा और उस दवा बिक्री की रशीद भी देनी होती है।

नियमों की होती अनदेखी

ऑल इंडिया फूड एंड ड्रग लाइसेंस होल्डर फाउंडेशन के अध्यक्ष अभय पांडे ने आरोप लगाया है कि एफडीए के ड्रग इंस्पेक्टर न ही वेब पोर्टल पर ध्यान देते हैं और न ही मेडिकल संचालक द्वारा नियमों की अनदेखी किये जाने की जांच करते हैं। उन्होंने एफडीए को पत्र लिखकर बिना फार्मासिस्ट के मेडिकल स्टोर चलानेवाले संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

डीसीजीआई भी दे चुका है निर्देश

भारत के ड्रग नियामक डीसीजीआई ने मार्च 2023 में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर और फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया को एक पत्र लिखकर नए निर्देश दिए थे। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि रिटेल मेडिकल स्टोर्स में फार्मासिस्ट खुद मौजूद रहें और दवाइयों की बिक्री उनकी सीधी निगरानी में हो। पत्र में रिटेल फार्मेसी में फार्मेसी एक्ट 1947 के सेक्शन 42(ए) और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1945 के रूल 65 के क्रियान्वयन की बात कही गई थी।

क्या कहा प्रशासन ने

एफडीए (ड्रग) के संयुक्त आयुक्त विजय जाधव ने कहा कि हो सकता है कि मेडिकल स्टोर के संचालकों ने पोर्टल में जानकारी अपडेट नहीं की हो, जिसके चलते संबंधित स्टोर बिना फार्मासिस्ट के संचालित होने की बात पोर्टल पर दिख रही है। फिर भी उन्होंने इस संबंध में जांच करने की बात कही है।

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