केईएम अस्पताल के मेडिकल स्टूडेंट ने की आत्महत्या, दिसंबर में की थी डिप्रेशन की शिकायत
- मेडिकल स्टूडेंट ने की आत्महत्या
- की थी डिप्रेशन की शिकायत
- इंजेक्शन के जरिए खुद की जान ले ली
- पुलिस हर एंगल से कर रही जांच
डिजिटल डेस्क, मुंबई। केईएम अस्पताल के पोस्ट ग्रेजुएट के प्रथम वर्ष के मेडिकल स्टूडेंट डॉ. आदिनाथ पाटील ने रविवार रात शिवड़ी टीबी अस्पताल में आत्महत्या कर ली। पुलिस के मुताबिक डॉ. पाटील ने इंजेक्शन के जरिए खुद की जान ले ली। प्राथमिक जांच के आधार पर पुलिस को लगता है कि डॉ. पाटील पढ़ाई को लेकर तनाव में थे। उनके सहयोगियों ने बताया कि बीते वर्ष नीट-पीजी परीक्षा में डॉ. आदिनाथ महाराष्ट्र के पांच टॉपर्स में से एक थे। पिछले साल दिसंबर में उन्होंने डिप्रेशन की शिकायत की थी।
केईएम अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर आदिनाथ पाटिल मूल रूप से जलगांव के रहने वाले थे। वे मेडिसिन विभाग में स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के छात्र थे। उनके पिता भी डॉक्टर हैं। केईएम अस्पताल के मेडिसिन विभाग का नवीनीकरण किया जा रहा है। इसके लिए एक यूनिट अस्थायी रूप से शिवड़ी टीबी अस्पताल में स्थानांतरित की गई है। क्रमवार वहां डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाती है। इसी कड़ी में डॉ. आदिनाथ की भी ड्यूटी लगाई गई थी।
डॉ. आदिनाथ के आत्महत्या मामले की जांच रफी अहमद किदवाई मार्ग पुलिस स्टेशन कर रहा है। वरिष्ठ निरीक्षक महादेव निम्बालकर ने बताया कि पुलिस ने एडीआर दर्ज किया है। कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। परिजनों ने पुलिस को बताया कि वह फोन पर पढ़ाई का तनाव होने की बात कहते थे। पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है।
दिसंबर में ही मिली थी आहट
केईएम अस्पताल की डीन डॉ. संगीता रावत ने बताया कि डॉ. आदिनाथ के सहयोगी ने उन्हें बताया कि दिसंबर में ही उसने डिप्रेशन की शिकायत अपने पिता से की थी। उनके पिता एक सप्ताह साथ रहे थे। डिप्रेशन की जानकारी आदिनाथ या उनके पिता ने किसी के साथ साझा नहीं की।
क्या कहा मार्ड ने
मनपा अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों के संगठन बीएमसी मार्ड के अध्यक्ष डॉ. वर्धमान नायर ने बताया कि वर्ष 2022-23 की नीट-पीजी परीक्षा में डॉ. पाटील महाराष्ट्र के पांच टॉपर्स में शुमार थे। टॉपर होने के चलते हो सकता है उन्हें पढाई का टेंशन रहा हो। फिलहाल इस बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। केईएम अस्पताल के मार्ड की अध्यक्ष डॉ. वृषाली नवले ने कहा कि अभी तक किसी रेजिडेंट डॉक्टर ने असुविधाओं को लेकर कोई शिकायत नहीं की है।
विद्यार्थी नहीं उठा रहे ‘दोस्ती’ का लाभ
केईएम अस्पताल के एमबीबीएस तृतीय वर्ष के विद्यार्थी गोविंद माने ने बीते वर्ष सांगली में अपने घर पर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद अस्पताल ने दोस्ती उपक्रम शुरु किया था। इसका उद्देश्य यह था कि मेडिकल विद्यार्थी मन की बात साझा कर खुद पर बन रहे दबाव-स्ट्रेस से मुक्त रहें। विद्यार्थियों की मदद के लिए काउंसलर की नियुक्ति भी की गई थी। अस्पताल की डीन डॉ. रावत ने बताया कि इसका लाभ सिर्फ एमबीबीएस के स्टूडेंट ले रहे थे।