मैदान चाहिए: आजाद मैदान को लेकर मराठा मोर्चा और ओबीसी मोर्चा आमने-सामने

  • आजाद मैदान को लेकर खींचतान
  • मराठा मोर्चा और ओबीसी मोर्चा आमने-सामने आए
  • अनशन के लिए हमें आजाद मैदान ही चाहिए - मनोज जरांगे पाटील
  • मराठा आरक्षण को लेकर धाराशिव में युवक ने की आत्महत्या

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-05 16:34 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. आजाद मैदान में 20 जनवरी से अपनी-अपनी मांगों को लेकर अनशन करने पर आमादा मराठा समाज और ओबीसी समाज अब आमने-सामने आ गए हैं। दोनों ही समाज आजाद मैदान में अनशन करने को लेकर अपने-अपने दावे कर रहे हैं। ऐसे में एक ही मैदान पर अनशन करने की मांग को लेकर अगले कुछ दिनों में दोनों ही समाज में संघर्ष देखने को मिल सकता है। उधर मनोज जरांगे-पाटील ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने मुंबई में अनशन करने की घोषणा काफी समय पहले ही कर दी थी, लिहाजा आजाद मैदान में उनका अनशन होकर रहेगा।

जरांगे-पाटील इस समय जालना के 123 गांवों का दौरा कर रहे हैं। इसके बाद पाटील 20 जनवरी को अंतरवाली सराटी से मुंबई की ओर पैदल मार्च शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मराठा समाज के साथ नाइंसाफी कर रही है। मुंबई के आजाद मैदान में हमारा अनशन न हो इसके लिए ओबीसी समाज को आगे किया जा रहा है। उन्होंने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारा अनशन आजाद मैदान में होकर रहेगा। जरांगे-पाटील पिछले काफी समय से मराठा समुदाय को ओबीसी में शामिल करने और कुणबी प्रमाण पत्र देने की मांग कर रहे हैं।

ओबीसी नेता एवं पूर्व विधायक प्रकाश शेंडगे का कहना है कि मुंबई के आजाद मैदान में अनशन के लिए पुलिस प्रशासन के साथ-साथ राज्य सरकार को ओबीसी समाज अनशन के लिए पत्र दे चुका है। ऐसे में उन्हें इस मैदान पर पहले अनशन करने की इजाजत मिलनी चाहिए। शेंडगे ने कहा कि राज्य सरकार मराठा समाज को कुणबी प्रमाण पत्र देकर ओबीसी आरक्षण को कमजोर कर रही है। हमारी राज्य सरकार से मांग है कि मराठा समाज के लोगों को कुणबी प्रमाण पत्र देने बंद किए जाएं। आजाद मैदान में किस समाज को अनशन करने की इजाजत मिलेगी इस पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं।

मराठा आरक्षण को लेकर धाराशिव में युवक ने की आत्महत्या

धाराशिव जिले के कलंब तालुका में गुरूवार को एक 19 वर्षीय युवक ने इमली के पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने युवक के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है जिसमें उसने लिखा है कि सरकार को मराठा आरक्षण के लिए जागना चाहिए और आरक्षण देना चाहिए। इस युवक ने कृषि में स्नातक किया है लेकिन नौकरी नहीं मिलने के बाद उसने गांव में दूध डेयरी का व्यवसाय शुरू किया था। लेकिन उसका व्यवसाय ठीक नहीं चल रहा था।

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