सरकारी कर्मचारी से मारपीट वाले कानून में महाराष्ट्र सरकार करेगी संशोधन
- सरकारी कर्मचारी से मारपीट का कानून
- महाराष्ट्र सरकार करेगी संशोधन
- दुरुपयोग की शिकायतों के बाद फडणवीस का विधानसभा में एलान
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सरकारी कर्मचारी से किए दुर्व्यवहार और मारपीट के दौरान लगने वाली धारा 353(अ) में संशोधन किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान बुधवार को विधानसभा में यह घोषणा की। फडणवीस ने विधायक सुभाष कांदे द्वारा सवाल पूछने पर कहा कि उन्हें भी धारा 353(अ) के दुरुपयोग की जानकारी मिल रही है। इसके बाद अगले 3 महीनों में इस धारा में संशोधन किया जाएगा। विधायक देवयानी फरांदे ने सदन में मामला उठाते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारी इस धारा का इस्तेमाल कर जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं। जिसमें अब संशोधन की जरुरत है।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि साल 2017 में उन्होंने खुद इस कानून को बनाए जाने को लेकर पहल की थी, क्योंकि सरकारी कर्मचारियों पर उस वक्त ज्यादा हमले हो रहे थे। लेकिन अब ऐसी खबरें उन्हें मिली है कि इस धारा का सरकारी कर्मचारी दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस धारा में कुछ इस तरह का संशोधन किया जाएगा जिससे सरकारी कर्मचारी और जनप्रतिनिधि दोनों को न्याय मिल सके।
विधायक पर फर्जी मामले दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारी को जबरन छुट्टी पर भेजा- फडणवीस
शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक सुभाष कांदे ने नासिक के पुलिस निरीक्षक निलेश माईनकर पर चार बार फर्जी मुकदमे दर्ज कर जबरन उगाही का आरोप लगाया। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले की जांच सह आयुक्त लेवल के अधिकारी से करने के आदेश दिए हैं। इसके आलावा पुलिस निरीक्षक माईनकर को जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया है। जिससे जांच में कोई व्यवधान न हो। कांदे ने इस पुलिस अधिकारी पर यह भी आरोप लगाया कि इसने जबरन उगाही कर करीब 5 से 10 करोड़ की संपत्ति अर्जित कर ली है। जिसकी जांच भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते के जरिए की जा रही है। कांदे पर दर्ज हुए मामलों में बॉम्बे हाई कोर्ट से क्लीन चिट मिल चुकी है।