इमारत के पुनर्विकास के दौरान फ्लैट पर कर्जदाता बैंक का अधिकार सुरक्षित - बॉम्बे हाईकोर्ट
- अदालत ने हाउसिंग सोसायटी, बिल्डर और कर्जदाता बैंक के लिए तय किया दिशा निर्देश
- इमारत के पुनर्विकास के दौरान फ्लैट पर कर्जदाता बैंक का अधिकार सुरक्षित
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट कहा कि इमारत के पुनर्विकास के दौरान फ्लैट पर कर्ज देने वाले बैंक का अधिकार सुरक्षित है। उसे गिरवी फ्लैट का नया मॉर्गेज डीड बनाने की आवश्यकता नहीं है। पुनर्विकास अवधि के दौरान भी कर्जदाता बैंक का अधिकार हमेशा सुरक्षित रहता है। इसलिए इस पर कोई निर्देश जारी नहीं किया जा सकता है।
न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ ने जयलॉन इम्पेक्स और उसके तीन निदेशकों जय, करण और पुष्पा कौशिक की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने कहा कि कर्जदाता बैंक को गिरवी फ्लैट का नया मॉर्गेज डीड बनाने की आवश्यकता नहीं है। खंडपीठ ने हाउसिंग सोसाइटी, डेवलपर और कर्जदाता बैंक के लिए दिशा निर्देश तय करते हुए कहा है कि जब पुनर्विकास के मद्देनजर कर्जदाता बैंक के पास एक फ्लैट गिरवी रखा जाता है। यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी कि पीएनबी के पक्ष में सुरक्षा न केवल पुराने फ्लैट के लिए, बल्कि नए पुनर्विकसित फ्लैट के लिए भी बरकरार रहे।
याचिकाकर्ता के मुताबिक जयलोन इम्पेक्स का खार के नगेट को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी लिमिटेड में एक फ्लैट है, जिसे पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के पास गिरवी रखा गया है। नगेट सोसायटी की इमारत का पुनर्विकास किया जाना है। पुनर्विकास के लिए पीएनबी बैंक की एनओसी की आवश्यकता है। 32 फ्लैटों में से 30 फ्लैटों के लिए एनओसी मिल गयी थी. पीएनबी बैंक ने सोसायटी को एनओसी देने से इनकार कर दिया।
बैंक की ओर से दलील दी गई थी कि साल 2010 में पीएनबी ने जयलॉन को 24 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था। खार के नगेट हाउसिंग सोसाइटी में जयलॉन के फ्लैट गिरवी रखे गए थे। साल 2018 तक जयलॉन के खाते को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित कर दिया गया। पीएनबी ने कर्ज वसूली न्यायाधिकरण के समक्ष वसूली की कार्यवाही शुरू की।
इस बीच सोसायटी को अगस्त 2020 में बीएमसी से एक नोटिस मिला, जिसमें कहा गया था कि इमारत "पुरानी, जीर्ण-शीर्ण, खतरनाक और लोगों के रहने के लिए अनुपयुक्त" हो गई है। उस पर तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया गया था। सोसायटी ने 29 सितंबर 2021 को अपनी विशेष बैठक में पुनर्विकास के लिए ओम लाइफस्पेस डेवलपर को नियुक्त किया।
फ्लैट पीएनबी के पास गिरवी था, इसलिए उन्होंने एनओसी के लिए बैंक से संपर्क किया। बैंक ने सोसायटी को एनओसी देने से इनकार कर दिया। बैंक को डर था कि पुनर्विकास के दौरान अस्थायी तौर पर ही सही उसकी सुरक्षा खत्म हो जाएगी। इसमें यह भी कहा गया है कि दस्तावेजों के बिल्कुल नए सेट के बिना ऐसी अनुमति पर कानून में विचार नहीं किया जाता है।