विधान परिषद- प्रश्नोत्तर : कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को 2500 रुपए

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  • कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को मदद
  • निधि को 1100 रुपए से बढ़ाकर 2500 रुपए कर दिया

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-27 14:28 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में कोरोना काल में एक अथवा दोनों अभिभावकों को गंवाने अनाथ बच्चों को प्रदान किए जाने वाली निधि को 1100 रुपए से बढ़ाकर 2500 रुपए कर दिया गया है। इसके लिए राज्य सरकार के बालसंगोपन योजना के तहत 54 करोड़ 84 लाख रुपए मंजूर किए जा चुके हैं। जबकि पूरक मांगों के जरिए 136 करोड़ 13 लाख रुपए उपलब्ध होंगे। विधान परिषद में राज्य की महिला व बाल विकास मंत्री आदिति तटकरे ने यह जानकारी दी। प्रश्नकाल में भाजपा सदस्य रमेश कराड ने कोरोना काल में अनाथ बच्चों को निधि उपलब्ध कराने के बारे में सवाल पूछा था। इसके जवाब में आदिति ने बताया कि कोरोना काल में पिता अथवा माता या फिर दोनों अभिभावकों को बाल संगोपन योजना के तहत निधि उपलब्ध कराई जाती है। इसके साथ ही कोरोना के कारण दोनों अभिभावकों की गंवाने वाले 869 बच्चों के नाम पर प्रति बालक 5 लाख जमा कराए गए हैं। जबकि 8 जिलों में 22 बच्चों का बैंक खाता खोलने की प्रक्रिया शुरू की गई है। जिन बच्चों का बैंक खाता नहीं है, ऐसे बच्चों को बैंक खाता खोलने के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। इसी बीच आदिति ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दंड के रूप में जमा 25 करोड़ 53 लाख 25 हजार रुपए की राशि कोरोना काल में अभिभावकों को गंवाने वाले बच्चों को देने के लिए उपलब्ध कराया है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह राशि अनाथ बच्चों के शिक्षा और छात्रावास की फीस पर खर्च करने के निर्देश दिए हैं। इसके अनुसार अनाथ बच्चों को अधिकतम 10 हजार रुपए दिए जा सकते हैं। मार्च 2023 तक 9 करोड़ 50 लाख रुपए लाभार्थी अनाथ बच्चों को वितरित किए जा चुके हैं।

नागपुर में अनाथ बच्चों को नहीं मिला लाभ- प्रवीण तटके

इस बीच भाजपा सदस्य प्रवीण तटके ने कहा कि नागपुर मनपा क्षेत्र में दोनों अभिभावकों को गंवाने वाले 36 बच्चों और एक अभिभावक को खोने वाले 631 बच्चे हैं। लेकिन इसमें से एक भी बच्चे को सुप्रीम कोर्ट द्वारा उपलब्ध कराई गई निधि का लाभ नहीं मिला है। इस पर आदिति ने कहा कि यदि अनाथ बच्चों ने नागपुर मनपा के पास आवेदन किया होगा तो उन्हें निधि उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे।


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