आईएएस विक्रांत केस: नेता किरीट सोमैया ने मामले के जल्द निपटारे के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
- अदालत ने एस्प्लेनेड कोर्ट को मामले का जल्द निपटारा करने का दिया निर्देश
- आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए पैसा इकट्ठा करने में फर्जीवाड़े का आरोप
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बीजेपी के नेता किरीट सोमैया ने अपने खिलाफ आईएनएस विक्रांत केस के जल्द निपटारे के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर किया है। याचिका में दावा किया गया है कि पिछले डेढ़ साल से याचिकाकर्ता के खिलाफ मामला एस्प्लेनेड कोर्ट में चल रहा है। इस मामले का जल्द निपटारा होना चाहिए। अदालत ने एस्प्लेनेड कोर्ट को मामले का जल्द निपटारा करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति ए.एस.गडकरी और न्यायमूर्ति डॉ.नीला गोखले की खंडपीठ के समक्ष मंगलवार को किरीट सोमैया की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि याचिकाकर्ता पर आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए पैसा इकट्ठा करने में फर्जीवाड़े का आरोप है। इस मामले में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है। पिछले डेढ़ साल से मामले की सुनवाई एस्प्लेनेड कोर्ट में चल रही है। इस मामले का जल्द निपटारा किए जाने का अनुरोध है। खंडपीठ ने एस्प्लेनेड कोर्ट के मामले का जल्द निपटारे करने का निर्देश दिया है।
किरीट सोमैया ने विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए चंदा इकट्ठा किया था। चंदे में कथित करोड़ों का फर्जीवाड़ा हुआ है। पूर्व सैन्यकर्मी की शिकायत पर ट्रॉम्बे पुलिस स्टेशन में किरीट सोमैया, उनके बेटे नील और अन्य आरोपियों के खिलाफ आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। सोमैया के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता का आरोप था कि उन्होंने जहाज को बचाने के लिए सोमैया को चंदा दिया। भाजपा नेता ने इस अभियान में 57 करोड़ रुपए से ज्यादा इकट्ठा कर लिए थे। उन्होंने इस राशि का महाराष्ट्र के राज्यपाल के सचिव कार्यालय में जमा करने के बजाय दुरुपयोग किया। आईएनएस विक्रांत को 1997 में सेवा से हटा दिया गया था