मराठा आरक्षण: जरांगे-पाटिल का प्रदर्शन रोकने की याचिका पर सुनवाई तीन सप्ताह टली, आंदोलन में भी पड़ी फूट
- गुणरत्न सदावर्ते की सुनवाई के दौरान अनुपस्थिति
- मुंबई में मराठा आंदोलन करने का मामला
- जरांगे-पाटील का सरकार को अल्टीमेटम, 23 तक कानून बनाओ नहीं तो 24 से फिर आंदोलन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठा नेता जरांगे-पाटिल को विरोध प्रदर्शन पर रोकने की याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई तीन सप्ताह के लिए टल गई। याचिका में सदावर्ते ने जरांगे-पाटील के मुंबई में मराठा आंदोलन पर रोक लगाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है। पिछले दिनों अदालत ने मनोज जरांगे-पाटील को नोटिस जारी किया था। न्यायमूर्ति अजय गडकरी और न्यायमूर्ति श्याम चांडक की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को गुणरत्न सदावर्ते की याचिका पर सुनवाई तीन सप्ताह के लिए टल गई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता सदावर्ते के मौजूद नहीं थे। याचिका में मनोज जरांगे-पाटील और उनके समर्थकों को मुंबई में विरोध प्रदर्शन करने पर रोक लगाने की मांग की गयी थी। हालांकि उस समय अदालत ने जरांगे-पाटिल के विरोध प्रदर्शन करने पर रोक नहीं लगाया था और राज्य सरकार को कानून व्यवस्था बनाए रखने को लेकर निर्णय लेने का निर्देश दिया था। साथ ही अदालत ने जरांगे-पाटिल को नोटिस जारी किया था।
मराठा आरक्षण आंदोलन में पड़ी फूट, करीबी ने जरांगे-पाटील पर लगाए गंभीर आरोप
उधर मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन पर बैठे मनोज जरांगे-पाटील और उनके सहयोगियों में फूट पड़ती हुई दिखाई दे रही है। जरांगे-पाटील के करीबी अजय महाराज बारस्कर ने जरांगे-पाटील पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पाटील को 10 फरवरी को आंदोलन शुरू करने से पहले किसका फोन आया था, इस बात का खुलासा करना चाहिए। बारस्कर ने ये भी आरोप लगाए हैं कि जरांगे-पाटील किसी के कहने पर बार-बार अपनी मांग बदल रहे हैं। उधर बुधवार को जरांगे ने राज्य सरकार को 23 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया है। राज्य सरकार द्वारा मराठाओं को शिक्षा और नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा के बाद भी मनोज जरांगे-पाटील अनशन पर अड़े हुए हैं। जबकि जरांगे-पाटील के करीबी रहे अजय महाराज बारस्कर ने जरांगे-पाटील की गुप्त बैठकों पर सवाल उठाए हैं। बारस्कर ने कहा कि आंदोलन शुरू करने से पहले 10 फरवरी को जरांगे-पाटील को किसी व्यक्ति का फोन आया था। जबकि गांव वालों को भी पता नहीं था कि जरांगे-पाटील इस दिन से भूख हड़ताल करेंगे। बारस्कर ने कहा कि मैंने जरांगे-पाटील के साथ आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है, मैं उनकी हर गतिविधि का गवाह रहा हूं। पिछले 2 महीने से जरांगे-पाटील ने बंद कमरों के बीच बैठकें लेनी शुरू कर दी हैं।
- 29 फरवरी को राज्य के सभी जिलों में रास्ता रोको
- बंद कमरों की बैठकों को लेकर बारस्कर का हल्ला बोल
बारस्कर पर जरांगे-पाटील का पलटवार
जरांगे-पाटील ने बारस्कर पर पलटवार करते हुए कहा कि सत्ता पक्ष ने उन्हें मैनेज कर लिया है। यही कारण है कि वह इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। जरांगे ने कहा कि राज्य सरकार ने मराठा समुदाय को जो 10 फीसदी आरक्षण दिया है, उससे मराठाओं का भला नहीं होने वाला है।
क्या रहेगी आंदोलन की दिशा?
जरांगे-पाटील ने कहा कि 24 फरवरी को हर गांव और शहर में सुबह साढ़े 10 बजे से 1 बजे तक विरोध प्रदर्शन होगा। इस दौरान सभी लोग अपने गांव में सड़कें जाम कर दें। उन्होंने कहा कि जो लोग सुबह प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं वे शाम 4 बजे से 7 बजे तक प्रदर्शन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण होना चाहिए। जरांगे ने कहा कि वह 29 फरवरी को दुनिया का सबसे बड़ा रास्ता रोको करेंगे। इस दिन राज्य के सभी जिलों में एक ही समय दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक बड़ा रास्ता रोको किया जाएगा।