मराठा आरक्षण: जरांगे-पाटील के खिलाफ याचिका पर हाई कोर्ट में 22 जनवरी को होगी सुनवाई

  • अनशन करने की तैयारी में जुटे मनोज जरांगे-पाटील
  • दायर याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट में 22 जनवरी को सुनवाई
  • देशपांडे की खंडपीठ के समक्ष याचिका दायर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-16 16:42 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठा आरक्षण को लेकर मुंबई में अनशन करने की तैयारी में जुटे मनोज जरांगे-पाटील के खिलाफ दायर याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट में 22 जनवरी को सुनवाई होगी। वकील गुणरत्न सदावर्ते ने मंगलवार को न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ के समक्ष याचिका दायर की। याचिका में बताया गया है कि सोलापुर के पंढरपुर थाने में एक युवक की मौत का मामला दर्ज है। इसका हवाला देते हुए सदावर्ते ने अनुरोध किया है कि अदालत पुलिस को जरांगे-पाटील के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने निर्देश दे। सदावर्ते ने याचिका में आरोप लगाया है कि जरांगे-पाटील राज्य सरकार को परेशान कर रहे हैं।

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे-पाटील ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। सोमवार को जरांगे-पाटील ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि हजारों मराठा भाईयों के साथ वह 20 जनवरी को अंतरवाली सराटी से मुंबई के लिए प्रस्थान करेंगे। यह यात्रा अंतरवाली सराटी से बीड, अहमदनगर, पुणे, लोनावला, नवी मुंबई होती हुई 26 जनवरी को मुंबई के आजाद मैदान में पहुंचेगी। इसके बाद उसी दिन से भूख हड़ताल शुरू होगी।

पाटील से राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल में शामिल बच्चू कडू और मुख्यमंत्री के विशेष कार्यकारी अधिकारी मंगेश चिवटे ने मुलाकात की थी, लेकिन इस मुलाकात में मुंबई कूच को लेकर कोई हल नहीं निकल सका था। जरांगे-पाटील ने कहा कि 20 जनवरी को हम अंतरवाली सराटी से निकलेंगे। प्रतिदिन सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक पैदल चलेंगे। जो चल सकता है वह पैदल चले। जिसे नहीं चलना है वह गाड़ी में बैठकर चले। हमें शिवाजी पार्क और आजाद मैदान दोनों की जरूरत पड़ेगी।

इस यात्रा में शामिल होने वाले लोगों से अपील करते हुए जरांगे-पाटील ने कहा था कि मुंबई जाकर किसी को भी नशे का सेवन नहीं करना है। सभी को एक स्वयंसेवक के रूप में काम करना होगा। जिनके पास पानी के टैंकर हैं और बिजली का जनरेटर है, वह साथ लेकर चलें। मराठा समाज से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों के लिए मुंबई जाना होगा। राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल में शामिल बच्चू कडू और मंगेश चिवटे से मुलाकात के बाद जरांगे ने कहा था कि सरकार के पास 19 जनवरी तक का समय है।

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