पैथोलॉजी लैब के पंजीयन के लिए नीति बनाएगी सरकार

  • राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई जाएगी समिति
  • लैब चलाने बनाई जाएगी एसओपी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-26 14:24 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार पैथोलॉजी लैब के पंजीयन को लेकर एक नीति बनाएगी। यह नीति बनाने के लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी। यह समिति पैथोलॉजी लैब के कामकाज के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी बनाएगी। विधान परिषद में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने यह घोषणा की। सावंत ने कहा कि समिति तीन महीने में सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। जिसके बाद सरकार पैथोलॉजी लैब के पंजीयन के लिए नीति घोषित करेगी। बुधवार को सदन में राकांपा (अजित गुट) के सदस्य अनिकेत तटकरे, शिवसेना (शिंदे गुट) की सदस्य मनीषा कायंदे ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए सांगली के आयुर्वेदिक डॉक्टर योगेश माहिमकर द्वारा किए गए प्रयोग का मुद्दा उठाया था। जिसमें उन्होंने मधुमेह के एक मरीज के रक्त जांच की चार लैब की रिपोर्ट अलग-अलग आने पर वीडियो वायरल किया है। इसके जवाब में सावंत ने कहा कि पैथोलॉजी लैब शुरू करने की अनुमति मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के जरिए दी जाती है। लेकिन राज्य में पैथोलॉजी लैब के पंजीयन की कोई व्यवस्था नहीं है। पैथोलॉजी लैब चलाने के लिए राज्य में कोई एसओपी नहीं है। इसलिए सरकार पैथोलॉजी लैब के पंजीयन के लिए नीति तैयार करने के लिए समिति का गठन करेगी। एक सवाल के जवाब में सावंत ने कहा कि पंजीकृत डॉक्टर ही पैथोलॉजी लैब की जांच रिपोर्ट पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।

सांगली के योगेश के खिलाफ दर्ज होगा मामला

सांगली के आयुर्वेदिक डॉक्टर योगेश माहिमकर के खिलाफ लैब की रिपोर्ट का वीडियो वायरल करने को लेकर साइबर का मामला दर्ज किया जाएगा। सदन में उपसभापति नीलम गोर्हे के निर्देश के बाद मंत्री सावंत ने यह घोषणा की। सावंत ने कहा कि सांगली के सिविल सर्जन को योगेश के खिलाफ मामला दर्ज कराने के निर्देश दिए जाएंगे। दरअसल, योगेश ने मधुमेह के एक मरीज के रक्त जांच के लिए सांगली के चार अलग-अलग लैब में सैंपल दिया था। जांच में चारों लैब की रिपोर्ट अलग-अलग आई थी। जिसके बाद योगेश ने लैब की रिपोर्ट को लेकर वीडियो वायरल किया था। सदन में शिवसेना (उद्धव गुट) के सदस्य अनिल परब ने कहा कि वीडियो वायरल करने को लेकर योगेश के खिलाफ साइबर का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। इसके जवाब में मंत्री सावंत ने कहा कि योगेश ने किस मरीज का कौन से लैब में सैंपल दिया था। इसकी जानकारी सरकार को नहीं दी है। उन्हें सरकार को पत्र लिखकर माफी मांगी है। लेकिन इस तरह से वीडियो वायरल करने का मामला एकदम गंभीर है। इसलिए इस मामले की जांच के लिए कोल्हापुर के स्वास्थ्य उपनिदेशक की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की जाएगी।

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