मराठा आरक्षण: जरांगे-पाटील की चेतावनी, मेरी मौत हुई तो मराठा समुदाय महाराष्ट्र को लंका की तरह जला देगा

  • भूख हड़ताल के चलते जरांगे-पाटील की तबीयत बिगड़ी
  • 20 फरवरी को एक दिन का विशेष सत्र
  • झुकी सरकार
  • 20 फरवरी को एक दिन का विशेष सत्र बुलाया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-15 10:28 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अनशन कर रहे मराठा नेता जरांगे पाटील ने राज्य सरकार को चेताया कि अगर इस दौरान उनकी मौत हो गई, तो मराठा समुदाय महाराष्ट्र में उसी तरह आग लगा देंगा, जैसे हनुमान ने लंका जलाई थी। उन्होंने महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोई भी सार्वजनिक सभा नहीं होने देने की धमकी है। महाराष्ट्र के जालना जिले में जरांगे पाटील अपने पैतृक गांव अंतरवाली सरती में अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं। बुधवार को उनके अनशन का पांचवा दिन है।

झुकी सरकार

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर बैठे मनोज जरांगे-पाटील के आगे राज्य सरकार झुक गई है। शिंदे सरकार ने मराठा समुदाय की विभिन्न मांगों पर चर्चा के लिए विधानमंडल का एक दिवसीय विशेष सत्र 20 फरवरी को बुलाने का फैसला किया है। यह फैसला बुधवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया। सूत्रों का कहना है कि जरांगे-पाटील की बिगड़ती हालत को देखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला किया है।

राज्य कैबिनेट की बैठक में बुधवार को मराठा समुदाय की मांगों पर चर्चा हुई। इसके बाद इन मांगों पर चर्चा के लिए विधानमंडल का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का फैसला का लिया गया। जरांगे-पाटील मांग करते आ रहे हैं कि पिछड़ा वर्ग आयोग ने राज्य सरकार को जो रिपोर्ट दी है उसमें कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना को कानून में तब्दील कर देना चाहिए। इन्हीं मांगों को लेकर वह पिछले कई दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। जरांगे का कहना है कि जब तक राज्य सरकार मराठा समाज की मांगें नहीं मानती है, उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी।

कई जिलों में बंद

इस बीच जरांगे-पाटील की भूख हड़ताल के पांचवें दिन अन्न-जल न लेने की वजह से उनकी नाक से खून आने लगा। इसके साथ ही उन्होंने पेट दर्द की भी शिकायत की। हालांकि इस बीच डॉक्टरों ने उन्हें कुछ जरूरी दवाइयां और ग्लूकोज भी दिया है। इस बीच मराठा प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को धाराशिव, हिंगोली, बारामती, बीड और राज्य के कई इलाकों में बंद बुलाकर सरकार को अल्टीमेटम दिया और चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द ही कोई निर्णय नहीं लिया तो फिर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।

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