सेट का फैसला: सारथी - बार्टी और महाज्योति की पीएचडी फेलोशिप परीक्षा का मूल्यांकन स्थगित

  • प्रश्नपत्र लीक होने के दावों के बाद सेट का फैसला
  • पीएचडी फेलोशिप परीक्षा का मूल्यांकन स्थगित
  • सारथी, बार्टी, महाज्योति की हुई थी परीक्षा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-12 11:35 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सारथी, बार्टी और महाज्योति की पीएचडी फेलोशिप के लिए 10 जनवरी को हुई परीक्षा का मूल्यांकन स्थगित कर दिया गया है। परीक्षा के दौरान कई विद्यार्थियों ने दावा किया था कि पेपर लीक हो गया है इसके बाद पुणे और नागपुर परीक्षा केंद्रों में कई विद्यार्थियों ने परीक्षा का बहिष्कार कर दिया था और विरोध प्रदर्शन किया था। विद्यार्थियों का आरोप था कि उन्हें जो प्रश्नपत्र दिया गया था वह सील नहीं था जबकि निर्देश लिखे गए थे कि अगर सील न हो तो विद्यार्थी प्रश्नपत्र स्वीकार न करें।

महाराष्ट्र राज्यस्तरीय पात्रता परीक्षा (सेट) के समन्वयक प्रोफेसर बी पी कापडणीस ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि परीक्षार्थियों के अनुरोध पर फिलहाल उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन स्थगित किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने स्पष्टीकरण दिया है कि प्रश्नपत्र पर सील न होने की शिकायत सही है लेकिन प्रश्नपत्र जिस लिफाफे में रखा गया था वह सील था इसलिए विद्यार्थियों से पहले किसी ने प्रश्नपत्र नहीं देखा। इससे पहले भी परीक्षा हुई थी लेकिन उस दौरान साल 2019 का ही प्रश्नपत्र विद्यार्थियों को दे दिया गया था और विवाद के बाद परीक्षा रद्द कर दी गई थी।

पेपर लीक होने का दावा करते हुए परीक्षा छोड़ने वाले एक छात्र ने सुशील शेजुल ने कहा कि सिर्फ मूल्यांकन स्थगित करने से हम खुश नहीं है हमारी मांग है कि परीक्षा रद्द कर आवेदन करने वाले सभी विद्यार्थियों को फेलोशिप दी जाए। उन्होंने कहा कि परीक्षा देने पहुंचने के लिए विद्यार्थियों को हजारों रुपए खर्च करने पड़ते हैं आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के होने के चलते ही विद्यार्थी फेलोशिप की मांग कर रहे हैं। ऐसे में परीक्षा के नाम पर उनसे बार-बार खर्च कराना कहां तक उचित हैं।

परीक्षा का बहिष्कार करने वाले ईश्वर अडसूल ने कहा कि सभी आवेदकों को फेलोशिप देने की मांग पर हम अडिग हैं और दो बार की गड़बड़ी के बाद अब सरकार को इसे स्वीकार कर लेना चाहिए। बता दें कि राज्य सरकार ने सारथी, बार्टी और महाज्योति के तहत 200-200 विद्यार्थियों को ही पीएचडी फेलोशिप देने का फैसला किया है।

10 जनवरी को इसके लिए पुणे, कोल्हापुर, नागपुर और छत्रपति संभाजी नगर में परीक्षाएं हुईं थीं। सभी आवेदकों को फेलोशिप देने की मांग करते हुए सैकड़ों विद्यार्थियों ने परीक्षा का बहिष्कार भी किया था।

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