विशेष पीएमएलए अदालत: नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोकसी को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की उड़ाई खिल्ली
- अदालत ने कहा--अदालत ने कहा-ईडी द्वारा मोदी, माल्या और चोकसी को समय पर गिरफ्तार किया गया होता, तो वे फरार नहीं होते
- अदालत ने चार्टर्ड अकाउंटेंट व्योमेश शाह की विदेश जाने की अनुमति देने की मांग की याचिका की खारिज
- शाह पर बीकेसी में एक प्रॉपर्टी डील के जरिए जेएंडके बैंक को 100 करोड़ का चूना लगाने का आरोप
डिजिटल डेस्क, मुंबई. विशेष पीएमएलए अदालत ने भगोड़े नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोकसी को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की खिल्ली उड़ाई। अदालत ने कहा कि ईडी द्वारा मोदी, माल्या और चोकसी को समय पर गिरफ्तार किया गया होता, तो वे फरार नहीं होते। उनकी ही तरह चार्टर्ड अकाउंटेंट व्योमेश शाह भी फरार हो सकता है। अदालत ने विदेश यात्रा के लिए कोर्ट की पूर्व अनुमति लेने की शर्त हटाने की चार्टर्ड अकाउंटेंट शाह की याचिका खारिज कर दिया। उस पर बीकेसी में एक प्रॉपर्टी डील के जरिए जेएंडके बैंक को 100 करोड़ रुपए का चूना लगाने का आरोप है।
विशेष न्यायाधीश एम.जी.देशपांडे ने ईडी के दृष्टिकोण की आलोचना करते हुए कहा कि इन सभी व्यक्तियों (मोदी, माल्या और चोकसी) को संबंधित जांच एजेंसियों द्वारा उचित समय पर गिरफ्तार करने में विफलता रहने के कारण भाग गए।
शाह ने अपनी याचिका में दलील दी कि उसका काम ऐसा है कि उन्हें क्लाइंट और काम के सिलसिले में कई बार देश की यात्रा करनी पड़ती है और उनके लिए हर बार कोर्ट की अनुमति लेना संभव नहीं है। इस दलील का ईडी ने विरोध किया और कहा कि इस तरह की व्यापक अनुमति नहीं दी जा सकती है। इस तरह से व्यवसायी मोदी, माल्या और चोकसी के मामले जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी।
शाह पर गरवारे इंडस्ट्रीज के निहाल गरवारे के लिए मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है, जिन्हें पिछले साल बीकेसी में एक प्रॉपर्टी डील के जरिए जेएंडके बैंक को 100 करोड़ रुपए का चूना लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पिछले दिनों विशेष पीएमएलए अदालत ने उन्हें कुछ शर्तों पर जमानत दे दी थी। शाह ने जमानत आदेश में संशोधन की मांग करते हुए विशेष अदालत का रुख किया था, जिसमें उन्होंने कोर्ट की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने की अनुमति देने का अनुरोध किया था।