विधान परिषद: निर्विरोध हो सकता है 11 सीटों का चुनाव, रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगा उद्धव गुट
- चुनाव से ठीक पहले हो रहे विधान परिषद की 11 सीटों का चुनाव निर्विरोध हो सकता है
- विधायकों के मतदान से होने वाले चुनाव में सत्ताधारी दल का पलड़ा भारी है
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हो रहे विधान परिषद की 11 सीटों का चुनाव निर्विरोध हो सकता है। क्योंकि ऐन विधानसभा चुनाव के पहले विपक्ष इस चुनाव में उलझने के मूड में नहीं है। विधायकों के मतदान से होने वाले चुनाव में सत्ताधारी दल का पलड़ा भारी है ही। प्रदेश के 288 सदस्यीय सदन में 14 सीट रिक्त होने के चलते, वोट देने वाले विधायकों की संख्या 274 है, तथा विजयी उम्मीदवार के लिए कोटा 23 है। राज्य विधानमंडल के निचले सदन में महा आघाडी और महायुति के संख्या बल को देखते हुए, महा आघाडी को 11 में से 2 और सत्तारूढ़ गठबंधन को 9 सीट मिल सकती हैं। कांग्रेस एक उम्मीदवार को एमएलसी के रूप में निर्वाचित करा सकती है, जबकि शिवसेना (उद्धव) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद) का एक उम्मीदवार चुन कर विधान परिषद में जा सकता है। भाजपा पांच उम्मीदवार को एमएलसी के रूप में निर्वाचित करा सकती है, जबकि शेष चार को सहयोगी शिवसेना (शिंदे) और राकांपा (अजित) के लिए छोड़ सकती है। चुनाव 12 जुलाई को होने हैं और नामांकन 25 जून से शुरू होंगे।
विधानसभा में भाजपा के के 103 विधायक हैं, अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के 40, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 38 वहीं कांग्रेस के 37 विधायक हैं, शिवसेना (उद्धव) के 15 और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के 10 विधायक हैं। राकांपा विधायकों अशोक पवार और नवाब मलिक ने दोनों में से किसी भी गुट के समर्थन में हलफनामा नहीं दिया है। राकांपा (शरद) के एक नेता ने कहा कि विधान परिषद चुनाव निर्विरोध होने की संभावना है क्योंकि राजनीतिक दल उच्च सदन के लिए चुनाव का जोखिम नहीं उठाना चाहेंगे। वहीं भाजपा के एक नेता ने कहा कि चुनाव तभी टाला जा सकता है जब चुनाव मैदान में 12वां उम्मीदवार न हो। राकांपा (शरद) ने पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) के जयंत पाटिल को अपना समर्थन देने की घोषणा की है। कांग्रेस 25 जून को अपनी बैठक में यह तय करेगी कि मैदान में एक उम्मीदवार को उतारा जाए या दो को।
विप चुनाव पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगा उद्धव गुट
शिवसेना (उद्धव) ने घोषणा की है कि वह चुनाव पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी क्योंकि शिवसेना और राकांपा के कई विधायक अयोग्यता की कार्यवाही का सामना कर रहे हैं। शिवसेना (उद्धव) के प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा कि अजित गुट के विधायकों की अयोग्यता का मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। ऐसे में विधायकों के मतदान से होने वाला विधान परिषद चुनाव असंवैधानिक है। इस पर रोक लगनी चाहिए। हम इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।