महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण (एमएटी) के रिक्त पदों भरने में सरकार की देरी से नाराजगी
- अदालत का 4 महीने का समय देने से इनकार
- ट्रिब्यूनल को सरकार से बात कर निश्चित समय बताने का निर्देश
- बुधवार को मामले की अगली सुनवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार का महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण (एमएटी) के महत्वपूर्ण रिक्त पदों को भरने के लिए अधिक समय लगाना ठीक नहीं है। सरकार को इसके लिए चार महीने का समय नहीं दिया जा सकता है। अदालत ने सरकार पर नाराजगी जताते हुए कहा कि वह बुधवार को निश्चित समय बताएं कि वह एमएटी के महत्वपूर्ण रिक्त पदों को कब तक भरेगी।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ एस.डॉक्टर की खंडपीठ के समक्ष मंगलवार को वरिष्ठ वकील उदय वारुंजीकर, वकील यशोदीप देशमुख, वकील विनोद सांगवीकर और वैदेही देशमुख की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इस दौरान ट्रिब्यूनल की ओर से खंडपीठ के समक्ष पेश हुए एम.एम.पाबले ने कहा कि एमएटी के रिक्त पदों की नियुक्ति के लिए स्क्रूटनी करना है। तीन से चार महीने का समय लगेगा। इस पर मुख्य न्यायाधीश उपाध्याय ने कहा कि स्क्रूटनी के लिए इतना समय लगता है। हम इतना समय नहीं दे सकते हैं।
बुधवार को इस मामले में सुनवाई होगी। ट्रिब्यूनल सरकार से बात कर एक निश्चित समय बताए। पिछले दिनों 19 जुलाई की सुनवाई के दौरान ट्रिब्यूनल कहा था कि नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। एमएटी में रिक्त पदों को भरने की मांग को लेकर बांबे, औरंगाबाद और नागपुर में कई जनहित याचिकाएं दाखिल की गई है। सभी याचिकाओं की सुनवाई एक साथ बांबे हाईकोर्ट में हो रही है।