मंत्रिमंडल मंजूरी: धारावी पुनर्वसन के लिए मांगी जाएगी केंद्र की जमीन, शहद का गांव योजना राज्य में लागू
- नगरोत्थान महाभियान का दायरा बढ़ा
- शहद का गांव योजना राज्य भर में लागू करने का फैसला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। धारावी पुनर्वसन परियोजना के लिए केंद्र सरकार की नमक जमीन प्रदेश सरकार को हस्तांतरित करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजने को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। केंद्र सरकार के मालिकाना हक वाली लगभग 283.4 एकड़ नमक की जमीन धारावी पुनर्वसन परियोजना के लिए राज्य सरकार के पास हस्तांतरित करने को केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जाएगा। केंद्र सरकार से यह जमीन 99 सालों के लिए ली जाएगी। केंद्र सरकार से जमीन हस्तांतरित करने से लेकर और नमक तैयार करने वाले मजदूरों के पुनर्वसन के काम के लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल कंपनी स्थापित की जाएगी।
नगरोत्थान महाभियान का दायरा बढ़ा
राज्य में बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए मूलभूत सुविधा समय पर उपलब्ध कराने के लिए नगरोत्थान महाभियान मार्च 2030 तक लागू करने के प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। यह अभियान सभी नगर परिषद, नगर पंचायत और ड वर्ग के अलावा अ, ब और क वर्ग मनपा में लागू होगा। इससे राज्य के बड़ी जनसंख्या को फायदा मिलेगा।
शहद का गांव योजना राज्य भर में लागू करने का फैसला
शहद (मध) केंद्र योजना के विस्तारित स्वरूप यानी शहद का गांव योजना को पूरे राज्य में लागू करने के प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। सरकार को इस योजना के जरिए शहद के उद्योग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इस योजना के जरिए मधुमक्खी पालन करने वालों को सरकार की ओर से 80 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। जबकि 20 प्रतिशत अनुदान लाभार्थी को देना होगा। पहले चरण में चुनिंदा गांवों में शहद का गांव योजना लागू की जाएगी। इसके लिए ग्राम सभा में प्रस्ताव मंजूर किया जाएगा। इसके बाद जिला ग्रामोद्योग अधिकारियों के माध्यम से जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति के पास प्रस्ताव भेजा जाएगा। सरकार ने शहद के गांव के सर्वेक्षण के लिए जनजागृति, प्रशिक्षण, सामूहिक सुविधा केंद्र, प्रचार- प्रसार के लिए 54 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे।