साइबर अपराध से निपटने 24 घंटे कार्यरत होगा कॉल सेंटर

  • नागरिकों को फोन, मोबाइल एप और पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने मिलेगी सुविधा
  • मंत्रिमंडल ने 837 करोड़ रुपए की साइबर सुरक्षा परियोजना को दी मंजूरी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-06 16:30 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. राज्य में साइबर अपराध के खिलाफ सख्ती से निपटने के लिए 837 करोड़ रुपए की साइबर सुरक्षा परियोजना लागू करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इस परियोजना से राज्य के सभी पुलिस आयुक्त और अधीक्षक के कार्यालय के साइबर पुलिस स्टेशन को जोड़ा जाएगा। इस परियोजना के तहत कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा। नागरिक एक फोन पर 24 घंटे कार्यरत रहने वाले कॉल सेंटर में साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज करा सकेंगे। इसके साथ ही नागरिक मोबाइल एप अथवा पोर्टल पर भी साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज करा पाएंगे। साइबर अपराध की दर्ज शिकायतों की तत्काल संज्ञान लेकर जांच की जाएगी। शिकायतों की जांच अत्याधुनिक साइबर प्रौद्योगिकी की सहायता से की जाएगी। जिससे अपराध के जड़ तक पहुंचा जा सकेगा और अपराध को सिद्ध करके सजादर का प्रमाण बढ़ाया जा सकेगा। सजादर बढ़ाने के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। साइबर अपराध के बारे में नागरिकों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। यह परियोजना विशेष पोलुस महानिरिक्षक (साइबर) के माध्यम से लागू की जाएगी। इस परियोजना की स्थिति की समीक्षा गृह विभाग की उच्चस्तरीय अधिकार प्राप्त समिति करेगी। सरकार का कहना है कि राज्य के सभी स्तर पर नागरिकों का अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बढ़ रहा है। इससे उन्हें साइबर ठगी का भी सामना करना पड़ रहा है। राज्य के गृह विभाग ने समय जरूरत को देखते हुए साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए साइबर सुरक्षा परियोजना लागू करने का फैसला लिया है। इस परियोजना के जरिए महाराष्ट्र को साइबर सुरक्षित राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

परियोजना की विशेषता

साइबर सुरक्षा परियोजना के तहत एक छत के नीचे विभिन्न अत्याधुनिक साधन और प्रौद्योगिकी से लैस कॉलसेंटर स्थापित किया जाएगा। कॉलसेंटर में कमांड एण्ड कंट्रोल सेंटर, टेक्नॉलॉजी असिस्टेंट इन्वेस्टिगेशन, सेंटर ऑफ एक्सलन्स, सर्ट महाराष्ट्र, क्लाऊड आधारित डेटा सेंटर आदि अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी।

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