बॉम्बे हाईकोर्ट का पुलिस से सवाल - क्या लोगों की इज्जत कोई मायने नहीं रखती है
- बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस से किया सवाल
- जमानती धाराओं में संगीत शिक्षक को घंटों लाकप में रखने पर पुलिस को फटकार
- ताड़देव पुलिस स्टेशन और सात रास्ता लाकप का सीसीटीवी किया तलब
डिजिटल डेस्क, मुंबई, शीतला सिंह.बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानती धाराओं संगीत शिक्षक को घंटों लाकप में रखने पर पुलिस को फटकार लगाते हुए पूछा कि क्या लोगों की इज्जत कोई मायने नहीं रखती है? पुलिस ने जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था, क्या पुलिस ने उसके मुताबिक काम किया? पुलिस हलफनामा दाखिल कर यह जवाब दे कि उसने किस आधार पर संगीत शिक्षक को कई घंटों तक लाकप में रखा। अदालत ने ताड़देव पुलिस स्टेशन और सात रास्ता लाकप का सीसीटीवी पुलिस को सौंपने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की खंडपीठ के समक्ष मंगलवार को दक्षिण मुंबई में रहने वाले संगीत शिक्षक की पत्नी की ओर से दायर वकील कृपाशंकर पांडे और वकील दर्शन जुईकर की याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने कहा कि क्या वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को 17 जुलाई को संगीत शिक्षक की गिरफ्तारी की जानकारी थी? यदि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी, तो यह काफी शर्मनाक है। अदालत ने परिमंडल-3 के पुलिस उपायुक्त अकबर पठान को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने और ताड़देव पुलिस स्टेशन एवं सात रास्ता पुलिस लाकप के सीसीटीवी पेश करने का निर्देश दिया है।
मालाड पुलिस ने 7 जुलाई को संगीत सीखने वाली छात्रा की शिकायत पर संगीत शिक्षक को आईपीसी की धारा 354 (ए) और 509 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कर जांच ताड़देव पुलिस स्टेशन को ट्रांसफर कर दिया, क्योकि शिकायतकर्ता के मुताबिक वारदात ताड़देव पुलिस स्टेशन के अंतर्गत हुई थी। 23 वर्षीय छात्रा ने संगीत शिक्षक पर मोबाइल पर फ्लेमिंगो नामक अश्लिल वेब सीरिज दिखाने का आरोप लगाया था। पुलिस ने संगीत शिक्षक को नोटिस भेज कर 17 जुलाई को पुलिस स्टेशन पूछताछ के लिए बुलाया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उस दिन पूरी रात लाकप में रखा और दूसरे दिन दोपहर में संगीत शिक्षक को बिना कोर्ट में पेश किए ही छोड़ दिया।