पारदर्शी व्यवस्था: चुनाव में प्रचार के लिए लोगों के घरों की दीवारों का इस्तेमाल करेगी भाजपा !
- पार्टी के मंडल अध्यक्ष घर मालिक से लेंगे अनापत्ति प्रमाण पत्र
- लोगों के घरों की दीवारों का इस्तेमाल
- चुनाव का इस तरह प्रचार करेगी भाजपा !
- पार्टी खर्च के लिए पारदर्शी व्यवस्था
डिजिटल डेस्क, मुंबई। साल 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में चप्पे-चप्पे पर भाजपा के पोस्टर और बैनर नजर आएंगे। इसके लिए भाजपा ने लोगों के घरों के दीवारों का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। हालांकि भाजपा दीवार इस्तेमाल करने से पहले घर मालिक से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिखवाएगी। शुक्रवार को दादर स्थित मुंबई भाजपा कार्यालय वसंत स्मृति में हुई बैठक के दौरान पार्टी के जिला अध्यक्षों को इस संबंध में दिशानिर्देश दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार पार्टी की बैठक में पदाधिकारियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र का प्रारूप वितरित किया गया। अनापत्ति प्रमाण पत्र घर मालिक से लिखाया जाएगा कि वे अपने घर की सुरक्षा दीवारों को रंगने और उस पर पोस्टर लगाने के लिए निःशुल्क अनुमति दिया है। प्रचार कार्य पूरा होने के बाद संबंधित दीवार को साफ करके देने की जिम्मेदारी पार्टी की रहेगी।
पार्टी खर्च के लिए पारदर्शी व्यवस्था
लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश भाजपा ने पार्टी के खर्च को पूरी तरह से पारदर्शी व्यवस्था लागू करने का फैसला लिया है। शुक्रवार को भाजपा के जिला अध्यक्ष और कोषाध्यक्षों की बैठक हुई। दादर स्थित मुंबई भाजपा के वसंत स्मृति कार्यालय में हुई बैठक हुई। जिसमें पार्टी कोषागार व आगामी लोकसभा चुनाव के लेखाजोखा को लेकर चर्चा हुई। इस बैठक को भाजपा की राष्ट्रीय लेखापाल वेणी थापर, प्रदेश कोषाध्यक्ष मिहिर कोटेचा और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत अन्य नेताओं ने संबोधित किया। सूत्रों के अनुसार बैठक में कोषाध्यक्षों को देनलेन और अन्य खर्च के लिए नकदी के बजाय चेक से करने के निर्देश दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र वो राज्य है जहां सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें हैं। उत्तर प्रदेश में 80 तो महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटें है। महाराष्ट्र में इस बार कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।
बीजेपी को चिंता
बीजेपी को उम्मीद है कि वो शहरी इलाकों में अच्छा प्रदर्शन करेगी, लेकिन चिंतित है कि ग्रामीण इलाकों में उसका प्रदर्शन कैसा रहेगा। राज्य में इस समय कृषि संकट है। बेमौसम बारिश और अप्रत्याशित मौसम के कारण नियमित रूप से फसल को नुकसान हो रहा है। टमाटर और प्याज किसान पिछले एक साल में अलग-अलग समय पर निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर घरेलू कीमतों को नियंत्रण में रखने के केंद्र के हस्तक्षेप से नाराज हैं।