Mumbai News: चाचा - भतीजा को 30 दिनों में ठाकर अनुसूचित जनजाति वैधता प्रमाण पत्र प्रदान करने का आदेश

  • अदालत ने पुणे के अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र जांच समिति के चाचा और भतीजा को प्रमाण पत्र नहीं देने के आदेश को किया रद्द
  • 30 दिनों की अवधि में ठाकर अनुसूचित जनजाति के वैधता प्रमाण पत्र प्रदान देने का दिया आदेश

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-15 15:02 GMT

Mumbai News : बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुणे के अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र जांच समिति के एक परिवार के दो सदस्यों चाचा और भतीजा को 30 दिनों की अवधि में ठाकर अनुसूचित जनजाति के वैधता प्रमाण पत्र देने का आदेश दिया है। अदालत ने समिति के उन्हें (चाचा और भतीजा) को ठाकर अनुसूचित जनजाति के वैधता प्रमाण पत्र नहीं देने के आदेश को रद्द कर दिया। न्यायमूर्ति रविन्द्र घुगे और न्यायमूर्ति अश्विन भोबे की पीठ के समक्ष चाचा जयवंत बालकृष्ण सूर्यवंशी और भतीजा रोहन संपतराव सूर्यवंशी की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में दावा किया गया कि उन्होंने 22 दिसंबर 2023 और 24 अप्रैल 2024 को पुणे संभाग के अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र जांच समिति के पास ठाकर अनुसूचित जनजाति के वैधता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। समिति ने उनके आवेदन को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ताओं के वकील ने दलील दी कि जयवंत के भाई और रोहन के पिता संपतराव सूर्यवंशी और उनकी बहन अलका को हाई कोर्ट के आदेश पर समिति द्वारा ठाकर अनुसूचित जनजाति के वैधता प्रमाण पत्र दिया गया है, तो समिति संपतराव के उनके बेटे और भाई को ठाकर अनुसूचित जनजाति के वैधता प्रमाण पत्र देने से कैसे इनकार कर सकती है?

समिति के वकील ने कहा कि संपतराव और उनकी बहन अलका को अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र देने के हाई कोर्ट के फैसले को राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली है। इसलिए उनके भाई और बेटे को अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। इस पर पीठ ने कहा कि यदि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाता है और अलका एवं संपतराव के मामले में दिए गए निर्णयों में हस्तक्षेप किया जाता है, तो इन दो व्यक्तियों रोहन और जयवंत को भी समान परिणाम भुगतने होंगे। पीठ ने कहा कि इसके मद्देनजर दोनों याचिकाओं को अनुमति दी जाती है। समिति के आदेशों को रद्द किया जाता है। दोनों याचिकाकर्ताओं को 30 दिनों की अवधि के भीतर ठाकर अनुसूचित जनजाति के वैधता प्रमाण पत्र प्रदान किए जाने आदेश दिया जाता है।

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