Mumbai News: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा - गोविंद पानसरे हत्याकांड में अब और जांच की जरूरत नहीं

  • अदालत पानसरे परिवार द्वारा दायर याचिका को बंद करने पर कर रहा विचार
  • अदालत को मामले में व्यापक साजिश का कोई सबूत नहीं मिला

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-15 15:06 GMT

Mumbai News : बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि 2015 के गोविंद पानसरे हत्याकांड में अब और जांच की जरूरत नहीं है। जांच एजेंसी ने कई बार कहा है कि उसने मामले की गहन जांच की है, जिसके चलते अदालत पानसरे परिवार द्वारा दायर याचिका को बंद करने पर विचार कर रहा है। याचिका में केस ट्रांसफर करने की मांग की गई थी।न्यायमूर्ति अजय गडकरी और न्यायमूर्ति कमल खाता की पीठ समक्ष आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने हलफनामा पेश किया, जिसमें कहा गया कि सभी संभावित कोणों की जांच की गई है। जब पीठ ने पूछा कि क्या मामले की जांच पूरी हो गई है, तो अभियोजक ने इसकी पुष्टि की। पानसरे परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील अभय नेवागी ने दलील दी कि हत्या के पीछे का असली मास्टरमाइंड अभी भी अज्ञात है और पानसरे परिवार की बढ़ी हुई सुरक्षा बड़े खतरों का संकेत देती है। नेवागी ने इस मामले को नरेंद्र दाभोलकर और पत्रकार गौरी लंकेश की हाई-प्रोफाइल हत्याओं से जोड़ा, जिससे एक व्यापक साजिश का संकेत मिलता है।

अदालत ने वकील नेवागी के दावे को निराधार पाया और कहा कि ऐसे संबंधों का समर्थन करने वाला कोई सबूत नहीं है। जांचकर्ता बिना आधार के सबूत नहीं बना सकते या लोगों पर आरोप नहीं लगा सकते। कुछ आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सुभाष झा ने दलील दी कि हाई कोर्ट द्वारा निरंतर निगरानी अनावश्यक थी, क्योंकि मुकदमा पहले से ही चल रहा था। पीठ ने अब 2 दिसंबर को मामले को समीक्षा के लिए निर्धारित है, जिससे वकील नेवागी को परिवार के साथ परामर्श करने की अनुमति मिल जाएगी कि क्या अदालत को मामले की निगरानी जारी रखनी चाहिए।

क्या है पूरा मामला

गोविंद पानसरे को 16 फरवरी 2015 को कोल्हापुर में दो हमलावरों ने गोली मार दी थी और चार दिन बाद मुंबई के एक अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई थी। शुरू में मामले की जांच सीआईडी की गठित एसआईटी को सौंपी गई थी, बाद में पानसरे परिवार की दायर याचिका में मामले की जांच एटीएस को सौंपने की मांग की गई। 2022 में जांच एटीएस को हस्तांतरित कर दी गई थी।

पानसरे के परिजनों ने आरोप लगाया था कि हिंदुत्व संगठन सनातन संस्था महाराष्ट्र और कर्नाटक में बुद्धिजीवियों की व्यवस्थित तरीके से हत्या कर रही है। उन्होंने इसकी गतिविधियों की जांच की मांग की थी। पुणे संभाग के एटीएस के पुलिस अधीक्षक जयंत मीना ने अदालत में 12 नवंबर को पानसरे परिवार के लगाए गए आरोपों पर अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें जांच पूरी होने की बात कही गई है।

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