Mumbai News: पोक्सो मामले में जमानत आवेदन पर पीड़ित को सुने बिना सुनवाई नहीं की जा सकती

  • अदालत ने पनवेल के विशेष पोक्सो न्यायालय के आरोपी को दी गई जमानत को किया रद्द
  • विशेष न्यायालय को आरोपी की जमानत पर फिर से पीड़ित का पक्ष सुनते हुए सुनवाई का दिया निर्देश

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-15 15:09 GMT

Mumbai News : बॉम्बे हाई कोर्ट ने नाबालिग से दुराचार के मामले में अहम आदेश देते हुए कहा कि पोक्सो मामले में जमानत आवेदन पर पीड़ित को सुने बिना सुनवाई नहीं की जा सकती है। अदालत ने पनवेल के विशेष पोक्सो न्यायालय द्वारा आरोपी को दी गई जमानत को रद्द कर दिया और न्यायालय को आरोपी की जमानत आवेदन पर फिर से पीड़ित का पक्ष सुनते हुए सुनवाई का निर्देश है।

न्यायमूर्ति शिवकुमार डिगे की एकलपीठ के समक्ष पीड़िता की ओर से वकील गणेश गुप्ता की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील गणेश गुप्ता ने दलील दी कि पोक्सो जैसे गंभीर और गैरजमानती मामले में पनवेल के विशेष न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने इस साल 12 मार्च को आरोपी को जमानत दे दिया। आरोपी के जमानत आवेदन पर सुनवाई के दौरान पीड़ित का पक्ष भी नहीं सुना गया। उरण पुलिस ने आरोपी को 12 मार्च को गिरफ्तार किया और विशेष न्यायालय में आरोपी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। उसी दिन यानी 12 मार्च को ही आरोपी को जमानत मिल गई।

जबकि बॉम्बे हाई कोर्ट ने 'अर्जुन किशनराव मालगे बनाम महाराष्ट्र राज्य' के मामले में अपने आदेश में कहा था कि पोक्सो मामले में जमानत आवेदन पर पीड़ित को सुने बिना सुनवाई नहीं की जा सकती है। पीठ ने पीड़ित के वकील की दलील को स्वीकार करते हुए पनवेल के विशेष न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के आरोपी को जमानत देने के आदेश को रद्द कर दिया और न्यायाधीश को आरोपी के जमानत आवेदन पर पीड़ित का पक्ष सुनते हुए सुनवाई करने का निर्देश दिया।

क्या था पूरा मामला

पूरन पुलिस थाने के अंतर्गत 9 साल की बच्ची इस साल 7 जनवरी की शाम को अपने घर के बाहर साइकिल चला रही थी। जब वह अपनी साइकिल घर के पास रख रही थी, तो इसी दौरान पड़ोस में रहने वाला 55 साल का व्यक्ति बच्ची के पास आया और उसके गुप्तांग को छूते छेड़छाड़ करने लगा। बच्ची रोते हुए अपने घर में गई और अपनी मां को सारी बात बताई। बच्ची ने बताया कि इससे पहले भी उस व्यक्ति ने उसके साथ छेड़छाड़ की कोशिश की थी। जब बच्ची के माता-पिता उस व्यक्ति के घर पर जाकर पूछताछ की, तो उसने बच्ची के आरोप से इनकार किया। इसके बाद बच्चों के माता-पिता ने व्यक्ति के खिलाफ उरण पुलिस स्टेशन में शिकायत की। पुलिस ने पोस्को की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया और पीड़िता का बयान 164 धारा के तहत दर्ज किया।

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