सियासत गर्म: नवाब मलिक को लेकर फिर आमने-सामने भाजपा और अजित गुट, महाआघाड़ी में मुख्यमंत्री का फैसला!

  • मलिक को टिकट देने की तैयारी में अजित गुट
  • बावनकुले बोले मलिक की उम्मीदवारी पर चर्चा जरूरी
  • महाआघाड़ी में मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव परिणाम के बाद होगा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-16 15:38 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. राकांपा विधायक नवाब मलिक को लेकर महायुति में विवाद बना हुआ है। सोमवार को राकांपा (अजित) अध्यक्ष अजित पवार ने पत्रकारों से अनौपचारिक मुलाकात में कहा था कि नवाब मलिक ने विधान परिषद के चुनाव में हमारे पक्ष में मतदान किया था। उन्होंने एक बार फिर से अणुशक्ति नगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की बात कही है। हालांकि अजित ने मलिक को टिकट देने के सवाल पर कहा कि इसका फैसला पार्टी संसदीय दल के नेता करेंगे। लेकिन खबर है कि अजित पवार ने मलिक को आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट देने का मन बना लिया है। वहीं मलिक के चुनाव मैदान में उतरने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले का कहना है कि अगर अजित गुट नवाब मलिक को विधानसभा में उम्मीदवारी देता है तो पहले उस पर चर्चा जरूरी है। बावनकुले ने कहा कि उन्हें मीडिया के जरिए खबरें मिली हैं कि नवाब मलिक चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। इस पर उन्होंने कहा कि कौन चुनाव लड़ेगा या नहीं लड़ेगा इसका फैसला उनकी पार्टी का अंतर्गत मामला है। लेकिन अगर किसी ऐसे व्यक्ति को हमारा सहयोगी दल चुनाव मैदान में उतारता है जिस पर पार्टी सवाल उठा चुकी है तो ऐसे में उस व्यक्ति की उम्मीदवारी पर गठबंधन के दलों में चर्चा होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मलिक को टिकट दिया जाएगा या नहीं इसका फैसला तीनों दलों के नेता करेंगे।

मलिक पर भाजपा की ना क्यों?

दरअसल जब राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार थी तो नवाब मलिक अल्पसंख्यक मंत्री थे। उस दौरान मलिक ने मंत्री रहते हुए सुशांत सिंह राजपूत और अनिल देशमुख के मामले में भाजपा पर निशाना साधा था। जिसके बाद मलिक को अंडरवर्ल्ड से संबंध रखने और संपत्तियों की खरीद फरोख्त के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उसी के बाद से भाजपा और नवाब मलिक के बीच तनातनी चल रही है। पिछले साल विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में नागपुर में जब मलिक जमानत पर बाहर आने के बाद सत्र में शामिल हुए थे तो वह सदन में सत्ताधारी पक्ष भाजपा और शिंदे गुट के विधायकों के बीच बैठ गए थे। जिस पर गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सवाल उठाते हुए अजित पवार से मलिक पर कोई कड़ा फैसला लेने को कहा था। हालांकि अभी हाल ही में हुए विधान परिषद के चुनाव में मलिक ने अजित पवार के पक्ष में मतदान किया।

महाआघाड़ी में मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव परिणाम के बाद होगा

महाराष्ट्र में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के लिए राज्य के दोनों गठबंधनों महाविकास आघाडी और महायुति ने तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा अभी तक दोनों ही गठबंधन तय नहीं कर पाए हैं। खबर है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को मुख्यमंत्री के चेहरे पर मीडिया में किसी भी बयानबाजी से बचने को कहा है। अब प्रदेश कांग्रेस के नेता भी कहने लगे हैं कि महाविकास आघाडी में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला चुनाव नतीजों के बाद ही होगा। हर रोज राज्य में सभी दलों के नेताओं के भावी मुख्यमंत्री के पोस्टर कार्यकर्ता लगाते रहते हैं, लेकिन अभी तक दोनों ही गठबंधनों में चुनाव के बाद कौन मुख्यमंत्री बनेगा इसको लेकर फैसला नहीं हुआ है। हालांकि प्रदेश भाजपा और अजित गुट के नेता कह चुके हैं कि महायुति में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। लेकिन आघाडी में अभी तक किसी एक नेता के नेतृत्व में चुनाव लड़ने पर रजामंदी नहीं बन सकी है। हालांकि खबर है कि महाआघाडी में जैसे लोकसभा चुनाव तीनों दलों ने एक साथ मिलकर लड़ा था, उसी तरह से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी की जा रही है। आघाडी में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने साफ कर दिया है कि पार्टी आलाकमान ने प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर चर्चा करने से मना किया हुआ है। पटोले ने कहा कि आघाडी के दल भी इस पर सहमत हैं कि मुख्यमंत्री पद के नाम पर चर्चा चुनाव परिणाम के बाद ही की जाएगी।

भले ही विधानसभा चुनाव के लिए सभी दलों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं, लेकिन दोनों गठबंधनों में सीट बंटवारे को लेकर अभी तक बातचीत शुरू नहीं हुई है। खबर है कि आघाडी के नेता 19 जुलाई को सीट बंटवारे को लेकर मुंबई में बैठक कर सकते हैं। जिसमें कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रमेश चेन्निथला भी शामिल हो सकते हैं। जबकि महायुति में तीनों दल फिलहाल अपने-अपने स्तर पर तैयारी कर रहे हैं। खबर है कि जुलाई के आखिर या फिर अगस्त के पहले सप्ताह में सीट बंटवारे को लेकर युति के दलों में चर्चा हो सकती है। उधर मंगलवार को शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सांसद संजय राऊत और नए नवेले विधायक मिलिंद नार्वेकर के साथ पार्टी की अंदरूनी बैठक की।

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