मराठा-ओबीसी आरक्षण: भुजबल की ललकार- मेरी पार्टी ने मराठा आरक्षण पर मुझे दरकिनार नहीं किया- मैं मंत्री हूं
- भुजबल ने कहा - मैं मंत्री हूं, पार्टी ने मुझे दरकिनार नहीं किया
- मराठा-ओबीसी आरक्षण का मुद्दा
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डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठा आरक्षण को लेकर शिंदे गुट के निशाने पर आए मंत्री छगन भुजबल ने अब पलटवार किया है। भुजबल ने शुक्रवार को कहा कि मेरी पार्टी ने मराठा आरक्षण पर मुझे दरकिनार नहीं किया है। मैं सरकार में मंत्री के पद पर अभी भी तैनात हूं। भुजबल ने कहा कि मैं ओबीसी समाज से हूं, इसलिए मेरे समाज के भविष्य के बारे में सोचना मेरा धर्म है। शिंदे गुट के विधायक संजय गायकवाड के बयान पर भुजबल ने कहा कि मैं उन्हें बस इतना बताना चाहता हूं कि, आप जिस संस्थान में पढ़ते थे, मैं उसे संस्थान में सीनियर प्रोफेसर रह चुका हूं। उधर ओबीसी समाज को जागरूक करने के लिए 5 फरवरी से राज्य भर में महाएल्गार रथ यात्रा निकालने की शुरुआत हो रही है।
भुजबल ने कहा कि मैंने भी संजय गायकवाड का बयान सुना है और सुनकर बहुत दुख हुआ। उन्होंने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है वह सही नहीं है। मैं बस उन्हें इतना बताना चाहता हूं कि भाषा का प्रयोग किसी भी राजनेता को सावधानी से करना चाहिए। भुजबल ने कहा कि गायकवाड़ के द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा पर अगर बहस चल रही है तो उनके नेता एकनाथ शिंदे इस पर जरूर गौर करेंगे। भुजबल ने यह भी कहा कि मैं इस बात से सहमत हूं कि मुझे कैबिनेट में लेना या न लेना मुख्यमंत्री का अधिकार है। लेकिन मुझे विश्वास है कि शिंदे के पास विचार हैं। उनके गुरु आनंद दिघे और मैं एक साथ काम कर चुके हैं। वह निश्चित रूप से ऐसी भाषा का विरोध करेंगे।
भाजपा में जा रहे हैं छगन भुजबलः अंजलि दमानिया
सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने मत्री छगन भुजबल को लेकर दावा किया है कि वे भाजपा में जा रहे हैं। दमानिया के इस बयान के बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरु हो गई है। हालांकि दमानिया के बयान पर सफाई देते हुए भुजबल ने कहा कि मुझे अभी तक भाजपा के ऑफर के बारे में कुछ भी पता नहीं है। दमानिया को यह जानकारी कैसे और कहां से मिली पता कर रहा हूं। मैं पिछले कई वर्षों से ओबीसी समुदाय के लिए काम कर रहा हूं। अब मुझे कुछ नया नहीं करना है।