बॉम्बे हाईकोर्ट: पालघर में उपभोक्ता फोरम की स्थापना को लेकर राज्य सरकार से मांगा गया जवाब
- जनहित याचिका में उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग की स्थापना का किया अनुरोध
- 19 जून को मामले की अगली सुनवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को पालघर में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग की स्थापना को लेकर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने सरकार से पूछा कि जिले के गठन के 10 साल बीत जाने के बावजूद पालघर में अभी तक जिला उपभोक्ता फोरम क्यों स्थापित नहीं किया गया? 19 जून को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है।
मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ के समक्ष अजीत महाणिक की ओर से दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि पालघर जिले का गठन 1 अगस्त 2014 को हुआ था।
उपभोक्ता आयोग की स्थापना के लिए पहले कलेक्टर कार्यालय में एक कमरा निर्धारित किया गया था। राज्य सरकार ने अभी तक इस स्थान को उपभोक्ता निवारण मंच के रूप में अधिसूचित करने के लिए कोई सूचना जारी नहीं किया है।
इस पर खंडपीठ ने कहा कि विधायी आदेश के बावजूद जिला आयोग की स्थापना क्यों नहीं की गई है? हमें सरकार दो सप्ताह में हलफनामा दाखिल कर बताएं कि अधिनियम के तहत आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया है? मामले की अगली सुनवाई 19 जून को रखी गई है।