गोल्डन आवर के समय मरीजों तक 20 मिनट तक पहुंचेगी एम्बुलेंस सेवा
- विधान परिषद में स्वास्थ्य मंत्री सावंत ने की घोषणा
- राज्य का स्वास्थ्य विभाग तैयार कर रहा नई योजना
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में गोल्डन आवर के समय मरीजों तक अब 20 मिनट के भीतर एम्बुलेंस सेवा और डॉक्टरों की टीम पहुंच जाएगी। इसके लिए राज्य का स्वास्थ्य विभाग एक नई योजना को आकार दे रहा है। यह योजना 102 और 108 एम्बुलेंस के तर्ज पर बनाई जाएगी। इससे गोल्डन आवर में 20 मिनट के भीतर मरीजों को एम्बुलेंस और डॉक्टरों की टीम पहुंच सकेगी। गुरुवार को विधान परिषद में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने यह घोषणा की। गुरुवार को प्रश्नकाल में भाजपा सदस्य प्रवीण दरेकर ने इस बारे में सवाल पूछा था। इसके जवाब में सावंत ने कहा कि गोल्डन आवर में मरीजों तक तत्काल पहुंचने के लिए नई योजना अगले एक महीने के भीतर बन जाएगा। इसके लिए एक वॉर रूम भी बनाया जाएगा। सावंत ने कहा कि कई शहरों में बुजुर्ग परिवार अकेले रहते हैं, क्योंकि उनके बच्चे नौकरी के लिए विदेश में जाते हैं। ऐसे में बुजुर्गों को जरूरत पड़ने पर गोल्डन आवर में उपचार नहीं मिल सकता है। दूसरी ओर गांवों में खेतों में सांप काटने जैसे कई मामले सामने आते हैं। इसके मद्देनजर शहरी और ग्रामीण इलाकों में 20 मिनट में एम्बुलेंस पहुंचाने के लिए नई योजना शुरू करने का फैसला लिया गया है।
अमरावती के हरिसाल गांव में माइक्रोसॉफ्ट की सेवा लेने का प्रयास करेंगे- सावंत
विधान परिषद में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने कहा कि अमरावती के हरिसाल गांव में माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के सीएसआर फंड से टेलीमेडिसिन और इंटरनेट सेवाएं दोबारा शुरू करने के लिए प्रयास किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी माइक्रोसॉफ्ट कंपनी से अगले 15 दिनों में संपर्क करेंगे। प्रश्नकाल में भाजपा सदस्य श्रीकांत भारतीय ने हरिसाल गांव में माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के जरिए टेलीमेडिसिन और अन्य सेवाएं उपलब्ध कराने के बारे में सवाल पूछा था। इसके जवाब में सावंत ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का करार सितंबर 2019 में खत्म हो गया था। इसके चलते अब केंद्र सरकार की ई- संजीवनी योजना के जरिए हरिसाल गांव में टेलीमेडिसिन सेवा शुरू है। हरिसाल गांव में अभी तक 76 मरीजों ने टेलीमेडिसिन सेवा उपलब्ध कराई गई है। जबकि ई- संजीवनी योजना के जरिए 10 हजार 585 स्वास्थ्य उपकेंद्रों में 54 लाख 75 हजार मरीजों को मुफ्त में सेवाएं दी गई हैं।